अमेरिका की ओर से बीते कुछ दिनों में रूस और उसके साथ व्यापारिक साझेदारी रखने वाले देशों को लगातार टैरिफ की धमकियां (US Tariff Warning) दी जा रही हैं. पहले डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर यूक्रेन के साथ जारी युद्ध को 50 दिन में रोकने या भारी टैरिफ का सामना करने की धमकी दी गई, तो वहीं इसके अगले ही दिन NATO ने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 100% टैरिफ की चेतावनी दी और उनके निशाने पर खासतौर पर भारत, ब्राजील और चीन रहे.
अमेरिकी धमकियों के बीच रूसी तेल का सबसे बड़े खरीदार भारत की ओर से बड़ा बयान जारी किया गया है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने गुरुवार को कहा कि, 'अगर ऐसा कुछ होता है, तो हम उससे निपट लेंगे.'
रूस पर बैन से बाधित नहीं होती तेल आपूर्ति
रूस के बहाने भारत समेत अन्य बड़े देशों अमेरिका द्वारा तेल को लेकर साधे जा रहे निशाने के बीच नरेंद्र मोदी सरकार (PM Modi Govt) में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रूसी आयात पर प्रतिबंध लगने पर भी भारत के पास तेल आयात के कई रास्ते हैं. उन्होंने कहा कि अगर रूस पर टैरिफ प्रतिबंधों (US Tariff On Russia) के कारण आपूर्ति प्रभावित होती भी है, तो भारत वैकल्पिक स्रोतों से अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है.
पुरी ने कहा- 'कुछ होता है, तो निपट लेंगे...'
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री की ओर से आगे कहा गया कि तेल मार्केट में गुयाना जैसे कई नए सप्लायर्स की एंट्री हो रही है, इसके अलावा ब्राजील और कनाडा जैसे मौजूदा उत्पादकों से भी आपूर्ति जारी है. पुरी के मुताबिक, भारत रूसी आयात से जुड़ी किसी भी समस्या से निपटने के लिए ऐसे ही दूसरे देशों से आपूर्ति करना जारी रखेगा. इसके अलावा भारत भी एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन एक्टिविटीज लगातार बढ़ा रहा है. दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान पुरी ने ये आश्वाशन देते हुए कहा कि 'मैं बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं, अगर कुछ होता है, तो हम उससे निपट लेंगे.'
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अब 40 देशों से भारत कर रहा खरीदारी
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत ने अपनी जरूरत के तेल की आपूर्ति के लिए स्रोतों में विविधता लाने का काम किया है और इसका असर ये हुआ है कि पहले हम जहां 27 देशों से खरीदारी करते थे, वहीं अब लगभग 40 देशों से खरीदारी कर रहे हैं. आंकड़ों पर नजर डालें इस समय रूस भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है और भारत की कुल आपूर्ति का लगभग 35% हिस्सा वहीं से आता है. इसके बाद इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का नंबर आता है.
ट्रंप और NATO ने दी है ये धमकी
गौरतलह है कि इस सप्ताह के पहले दिन सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने रूस को बड़ी धमकी (US Warns Russia) दी थी. ट्रंप ने नाटो के साथ बैठक के दौरान रूस से 50 दिन के भीतर यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने या फिर 100 फीसदी तक टैरिफ का सामना समेत अन्य व्यापारिक प्रतिबंधों की धमकी दी थी. इसके बाद NATO सेक्रेटरी मार्क रूट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि जो भी देश रूस के साथ व्यापार करते हैं, उन्हें भी भारी-भरकम टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है.
मार्क रूट ने खासतौर पर भारत, चीन और ब्राजील पर निशाना साधते हुए साफ शब्दों में कहा था कि मास्को में बैठा व्यक्ति अगर यूक्रेन ये जारी जंग रोकने की सलाह को गंभीरता से नहीं लेता, तो उसपर तो आर्थिक प्रतिबंध और टैरिफ लगाए ही जाएंगे, और अगर आप बीजिंग या दिल्ली में रहते हैं और या फिर चाहे ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको इस पर विशेष रूप से ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो सबसे ज्यादा आप तीन इससे प्रभावित हो सकते हैं.
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