ड्रूज तो सिर्फ बहाना, क्या इजरायल को है दबदबा बनाना... सीरिया में नया मोर्चा खोलने की पूरी कहानी

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सीरिया में इजरायली हमलों के बाद हड़कंप है. इजरायल ने सीधे-सीधे सीरियाई सेना के मुख्यालय और राष्ट्रपति भवन के पास हमला कर दिया. इजरायली सेना का दावा है कि ये वही ठिकाने थे जहां से स्वैदा इलाके में ड्रूज़ समुदाय पर हमले किए जा रहे थे. इजरायली हमला सीरियाई टीवी शो में लाइव कैद हुआ जब एंकर के ठीक पीछे धमाका हुआ. 

इजरायल अपनी सीमा से सटे स्वैदा इलाके में 7 लाख से भी ज्यादा ड्रूज समुदाय की रक्षा में हमले कर रहा है क्योंकि उसका मानना है कि अगर यहां से ड्रूज समुदाय हटा तो हिजबुल्लाह और ईरान समर्थित आतंकी पैर जमा लेंगे और ऐसा हुआ तो उस पर पूर्वी सीमा से हमलों का खतरा बढ़ जाएगा. इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि सभी पक्षों के बीच सहमति बनी है- लेकिन जमीनी हालात बता रहे हैं कि जंग अभी थमी नहीं है. इस बीच आज यूएन सुरक्षा परिषद इस मुद्दे पर आपात बैठक कर रही है.

ड्रूज समुदाय ने किया इजरायली सेना का स्वागत

सीरिया की राजधानी में तबाही मचाने वाले हमले के साथ ही इजरायली सेना सीरिया के स्वैदा में भी दाखिल हो गई है. इजरायली बमबारी के साथ ही उसकी सेना ने ड्रूज समुदाय की रक्षा के लिए स्वैदा में तैनाती बढ़ा दी है. वहीं, इजरायली सेना को देख कर ड्रूज समुदाय ने उनका स्वागत किया है. इजरायली टीवी चैनल N12न्यूज के संवाददाता ने दावा किया है कि इससे पहले शायद ही कभी इजरायल ने ड्रूज समुदाय की रक्षा के लिए इतना बड़ा कदम उठाया होगा.

इस वीडियो में इजरायली सैन्य वाहन, जैसे ह्यूमवी और अन्य बख्तरबंद गाड़ियाँ, दिखाई दे रही हैं, जो इजरायल की ओर से हस्तक्षेप का संकेत देती हैं. वीडियो में ड्रूज समुदाय के सदस्य इजरायली सैनिकों का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे हैं, और कुछ स्थानों पर इजरायली झंडा फहराया गया है, जो इजरायल के हस्तक्षेप का समर्थन करता दिखाई दे रहा है. ये दृश्य उस समय के हैं जब इजरायली सेना स्वैदा में प्रवेश कर रही थी और स्थानीय ड्रूज समुदाय इजरायल की मौजूदगी का स्वागत कर रहा था. इजरायल इस हिस्से पर अपना नियंत्रण मजबूत कर रहा है ताकि इससे लगे गोलान हाइट्स और गलीली जैसे इलाकों पर कोई खतरा न हो.

2 बर्षों से 7 मोर्चों पर लड़ रहा इजरायल

इस्लामिक दहशतगर्दी के खिलाफ इजरायल की जंग के इतने मोर्चे हैं कि एक थमता है तो दूसरा खुल जाता है. पिछले 2 बर्षों में 7 मोर्चों पर लड़ चुके इजरायल ने नया मोर्चा सीरिया में खोला जब चंद सेकेंड के अंदर सीरिया के डिफेंस हेडक्वार्टर से लेकर प्रेसिडेंशियल पैलेस तब बम बरसा दिए. खबर है कि 3 लोग मारे गए हैं, दर्जनों घायल हैं.

दरअसल हकीकत ये है कि सीरिया के ऊपर इजरायल के ताजे हमले के पीछे लंबी कूटनीति है. क्योंकि एक तरफ तो इजरायल गाजा में हमास के खिलाफ लड़ रहा है. दो साल की लड़ाई के बावजूद हमास पूरी तरह नेस्तनाबूद नहीं हो सका है. अंतर्राष्ट्रीय मदद-रसद और इस्लामिक मुल्कों की सहानुभूति से हमास की सांस चल रही है. दूसरी तरफ जंग में अरबों डॉलर फूंक चुका इजरायल अब अपनी सरहदों को महफूज करने की कोशिश कर रहा है. सीरिया के दक्षिणी इलाके को द्रूज अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित करने की इसी कोशिश में इजरायल ने द्रूज लड़ाकों के समर्थन में सीरिया पर चेतावनी वाले हमले किए हैं.

दरअसल गाजा में इजरायल की जंग सिर्फ हमास से नहीं है. फिलिस्तीन के कॉज की लड़ाई में हर इस्लामिक मुल्क इजरायल का दुश्मन है. यही वजह है कि 7 अक्टूबर 2023 के बाद शुरू हुई जंग में इजरायल अब तक 5 मुल्कों में 7 मोर्चों पर लड़ चुका है. 

गाजा से शुरू हुई जंग

जिसमें पहली लड़ाई गाजा से शुरू हुई थी जहां हमास को तबाह करते करते इजरायल हांफने लगा. गाजा में जंग शुरू होते ही इजरायल पर हमलों की बौछार होने लगी. लेबनान से हिज्बुल्लाह के हमले होने लगे. सीरिया से लेकर यमन तक और इराक से लेकर ईरान तक इजरायल के खिलाफ उतर गए. इजरायल ने पहले के 15 महीनों में बाकी दुश्मनों से निपटने के बाद अमेरिका की मदद से ईरान पर सबसे लास्ट में हमला बोला. इनमें से हर मोर्चे पर इजरायल को अब भी खतरा बना हुआ है और किसी भी वक्त इजरायल निशाने पर आ सकता है. ऐसे में ईरान के खिलाफ बड़ी जंग छेड़ने और उसे घुटनों पर लाने के बाद अब इजरायल ने सीरिया में अपनी सरहद महफूज करने की कोशिश शुरू कर दी है.

सीरिया के राष्ट्रपति ने दी इजरायल को धमकी

इजरायली हमले के बाद सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शारा ने इजरायल को धमकी दी है. सीरिया के राष्ट्रपति ने कहा कि वो युद्ध से नहीं डरते क्योंकि उन्होंने युद्ध लड़ते हुए ही पूरा जीवन बिताया है. इसके साथ ही, अल-शारा ने इजरायल को ये कह कर चिढ़ाया कि बहुत अधिक ताकत होने से किसी को जीत नहीं मिल जाती और इजरायल जंग शुरू भले ही कर दे उसका नतीजा तय करना उसके लिए आसान नहीं होगा. सीरिया के राष्ट्रपति ने इजरायल पर आरोप लगाया कि वो सीरिया में अस्थिरता पैदा करना चाहता है और उसके लोगों को आपस में बांटना चाहता है.

ड्रूज समुदाय ने उतारा सीरिया का झंडा

इस बीच, सीरिया के स्वैदा में ड्रूज समुदाय ने सीरिया के झंडे को उतार दिया है. सीरियाई झंडे की जगह उन्होंने इजरायल का झंडा फहरा दिया है. ड्रूज समुदाय का मानना है कि जब पूरी दुनिया ने उनसे मुंह फेर लिया है और जब सीरिया के राष्ट्रपति अल शारा की सेना उन पर जुल्म कर रही है तब सिर्फ इजरायल की उनकी रक्षा में आगे आया है. ड्रूज समुदाय ने आरोप लगाया है कि सीरियाई सेना उनका नरसंहार कर रही थी और उन्हें बचाने के लिए इजरायल ने सीधे दमिश्क में सेना के मुख्यालय पर बमबारी की और इस वजह से उन्होंने इजरायली झंडा फहरा दिया है. ये दिखाता है कि ड्रूज समुदाय और सीरिया की अल-शारा सरकार के बीच अविश्वास कितना गहरा है और ये आगे भी विवादों को पैदा करता रहेगा.

सीरिया के स्वैदा प्रांत को नक्शे पर दिखाते हैं जहां सीरिया के हमले का जवाब इजरायल ने दिया है. स्वैदा या अस-सुवायदा सीरिया का दक्षिणी शहर और स्वैदा प्रांत की राजधानी है. ये जॉर्डन की सीमा के निकट, हौरान क्षेत्र में, जाबल अल-द्रूज़ या द्रूज़ पर्वत की तलहटी में स्थित है. दमिश्क से ये लगभग 100 किमी दक्षिण में है. स्वैदा सीरिया का एकमात्र ऐसा प्रांत है जहां द्रूज़ समुदाय बहुसंख्यक है, जो कुल जनसंख्या का लगभग 90-91% है, यहां सुन्नी मुस्लिम बेदुईन भी बसे हैं जिनकी आबादी लगभग 3% है और ये सुन्नी मुस्लिम यहां अल्पसंख्यक समुदाय हैं. पिछले कुछ दिनों में स्वैदा में द्रूज़ और बेदुईन समुदायों के बीच तनाव और हिंसा की खबरें सामने आई रही थीं. जब सीरियाई सुरक्षाकर्मियों ने यहां दखल दिया तो इजरायल ने हमला कर अपनी ताकत दिखाई और जितना वो ड्रूज समुदाय की रक्षा का दावा कर रहा है, उतना ही बड़ा इरादा उसका इस बहाने इस क्षेत्र पर दबदबा कायम करने का है.

सीरिया पर इजरायल का हमला स्वैदा इलाके में अहमद अल शारा के सैनिकों की ओर से ड्रूज समुदाय के कथित नरसंहार के बाद हुआ है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हैं जिनमें सीरियाई सेना को ड्रूज समुदाय को धमकी देते दिखाया गया है. अल-शारा जिन्हें जोलानी भी कहा जाता है उनके एक सैनिक को ड्रूज समुदाय के लोगों के सिर कलम करने की धमकी देते दिखाया गया है. हाल ही में ट्रंप और यूरोप ने सीरिया पर लगी पाबंदियों को हटाया है और एक बार फिर आतंक की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं.

ड्रूज़ समुदाय एक अल्पसंख्यक धार्मिक और जातीय समूह है, जिसकी जड़ें इस्लामी इतिहास में हैं, लेकिन आज ये एक स्वतंत्र और रहस्यमय धार्मिक परंपरा के रूप में जाना जाता है. ये समुदाय मुख्य रूप से सीरिया, लेबनान, इज़रायल और जॉर्डन में फैला हुआ है. सीरिया में इनकी आबादी 7 लाख से ज्यादा है. इज़रायल में ड्रूज़ लोग सेना में भर्ती होते हैं, और कई उच्च पदों पर भी हैं. इज़रायल के भीतर ड्रूज़ समुदाय को यहूदी नागरिकों जैसा अधिकार प्राप्त है.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि सीरिया में सभी पक्षों में शांति बहाल करने को लेकर सहमति बन गई है. लेकिन रूस, चीन और ईरान ने हमलों की निंदा की है. UN में सुरक्षा परिषद ने आज बैठक बुलाई है. इज़रायल ने साफ कर दिया है कि वो ड्रूज़ समुदाय की रक्षा के नाम पर सीरियाई शासन को चेतावनी देने से पीछे नहीं हटेगा.

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