अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में क्या मुस्लिम छात्र-छात्राओं को एडमिशन में छूट मिलती है? अक्सर ऐसे सवाल उठते हैं. लोगों को भी अक्सर ऐसा लगता है कि ये मुस्लिम यूनिवर्सिटी है और यहां धर्म के आधार पर आरक्षण जैसी कोई व्यवस्था जरूर होगी. ऐसे में चलिए जानते हैं कि सच्चाई क्या है? क्या सच में मुस्लिम उम्मीदवारों को यहां छूट दी जाती है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) मुस्लिम छात्रों को किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं मिलता है. न ही किसी तरह की छूट दी जाती है. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में स्पष्ट रूप से ये जानकारी दी गई है कि मुस्लिम उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय की ओर से ऑफर किए जाने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश या भर्ती में कोई आरक्षण नहीं मिलेगा.
यहां धर्म के आधार पर कोई रिजर्वेशन नहीं
इस विश्वविद्यालय में धर्म के आधार पर कोई रिजर्वेशन की व्यवस्था नहीं है. इसके बदले यहां आंतरिक तौर पर एडमिशन में वरीयता दी जाती है. एएमयू की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार एएमयू में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित स्कूलों से उत्तीर्ण छात्रों के लिए एक आंतरिक कोटा प्रणाली है.
यहां लागू है आंतरिक कोटा प्रणाली
आंतरिक कोटा प्रणाली के अनुसार एएमयू से संचालित होने वाले स्कूल या संस्थानों से पास होकर आने वाले छात्र-छात्राओं को एडमिशन में छूट मिलती है. जब ऐसे स्कूलों के छात्र विश्वविद्यालय में प्रवेश चाहते हैं तो उन्हें आंतरिक माना जाता है और उनके लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित होती हैं. उनके अनुसार एएमयू में मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए सीटें आरक्षित करने की खबरें झूठी और भ्रामक हैं.
इंटर्नल्स के लिए आरक्षित होती हैं 50 प्रतिशत सीटें
इस तरह सिर्फ नाम के आधार पर कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुस्लिम छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त छूट मिलती होगी, ऐसी सूचनाओं को विश्वविद्यालय ने निराधार माना है. इंटरनल के अलावा स्पोर्ट्स कोटे से आने वालों को या फिर विश्वविद्यालय से संबंधित छात्र-छात्राओं को जरूर थोड़ी वरीयता दी जाती है.