ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज में एक 20 वर्षीय बी.एड. छात्रा की आत्मदाह के बाद मौत ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा गया. छात्रा ने कॉलेज के शिक्षा विभाग के प्रमुख (HoD) समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कॉलेज प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने के विरोध में ये आत्मघाती कदम उठाया.
इस घटना ने न केवल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं.
6 महीने पहले समिति को दी थी शिकायत
पुलिस और फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज के सूत्रों के अनुसार, 'छह महीने पहले आंतरिक शिकायत समिति को दी गई अपनी शिकायत में छात्रा ने आरोप लगाया था कि प्रोफेसर उससे 'फ़ायदे' मांग रहा था और न देने पर उसका शैक्षणिक करियर बर्बाद करने की धमकी भी दी थी. हालांकि, उसे सात दिनों में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. उसने आंतरिक शिकायत समिति में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.'
छात्रा के आरोपों के अनुसार, शिक्षक ने उससे कहा, 'मुझ पर एक एहसान करो, मैं तुम्हारी अटेंडेंस और तुम्हारे मार्क्स के साथ कुछ नहीं करूंगा. हम तुम्हें फायदा देंगे.'
इसके बाद लड़की ने प्रोफेसर से पूछा कि कैसा फायदा?
इस पर प्रोफेसर ने पूछा, 'तुम इतनी समझदार हो कि समझ सको कि मैं तुमसे किस तरह का फायदा चाहता हूं. तुम्हें किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है.'
केस की पूरी टाइमलाइन
12 जुलाई - फ़कीर मोहन कॉलेज के बीएड विभाग की एक छात्रा द्वारा कॉलेज परिसर में आग लगाकर आत्महत्या करने की अप्रिय घटना. 90-95 प्रतिशत तक जली हुई हालत में उसकी हालत गंभीर होने पर उसे एम्स, भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया.
13 जुलाई- फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय के बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
13 जुलाई- प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष हिरासत में लिए गए.
14 जुलाई - पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी प्रोफेसर ने शुरुआती पूछताछ के बाद खुलासा किया कि प्रोफेसर ने छात्रा के करियर को 'एहसान' के नाम पर खतरे में डाला था.
14 जुलाई- छात्रा के साथ छेड़छाड़ की जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई न करने पर प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
14 जुलाई - सुबह केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आत्महत्या करने वाली लड़की के स्वास्थ्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए बर्न वार्ड का दौरा किया.
14 जुलाई - शाम को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा के राज्यपाल के साथ लड़की की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी के लिए एम्स के बर्न वार्ड का दौरा किया.
14 जुलाई- 11:54 बजे अस्पताल ने लड़की की मौत की घोषणा की और कहा कि लड़की की जलने की वजह से छात्रा की मौत हो गई.
घटना के बाद ओडिशा सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए. उच्च शिक्षा विभाग ने एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और क्राइम ब्रांच की एक दो सदस्यीय टीम ने भी जांच शुरू की. वहीं, प्रोफेसर समीर कुमार साहू को 12 जुलाई को और प्रिंसिपल दिलीप घोष को 14 जुलाई को गिरफ्तार किया गया है. दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 75(1)(iii) (यौन उत्पीड़न) सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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