इंड‍िया की स्वदेशी CAR-T सफल: स‍िर्फ नौ दिन में ब्लड कैंसर खत्म, 15 महीने बाद भी नहीं लौटा

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भारत ने कैंसर के इलाज में एक ऐतिहासिक कामयाबी हासिल कर ली है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और सीएमसी वेल्लोर के डॉक्टरों ने मिलकर एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया) को सिर्फ 9 दिनों में खत्म कर सकती है. इस नई तकनीक का नाम VELCART है और इसे CAR-T सेल थेरेपी के तहत तैयार किया गया है. सबसे खास बात ये है कि ये तकनीक न स‍िर्फ तेजी से कैंसर का इलाज कर सकती है बल्क‍ि ये किफायती भी है. व‍िशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस तकनीक से किया गया इलाज वैश्विक लागत से 90% सस्ता है. 

क्या है VELCART और कैसे काम करता है

ICMR ने अपनी X पोस्ट में बताया कि VELCART एक ऐसी CAR-T थेरेपी है जिसमें मरीज की ही T-कोशिकाओं (T-Cells) का इस्तेमाल किया जाता है. इन कोशिकाओं को निकालकर अस्पताल में ही लैब में संशोधित किया जाता है. संशोध‍ित करने के बाद फिर से वापस मरीज के शरीर में डाल दिया जाता है. ये संशोधित कोशिकाएं ही कैंसर सेल्स को पहचानकर उन्हें नष्ट कर देती हैं. 

किन मरीजों पर हुआ ट्रायल, ऐसा रहा रिजल्ट 

इस ट्रायल में एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) और लार्ज B-सेल लिंफोमा (DLBCL) के मरीजों को शामिल किया गया. इसमें ल्यूकेमिया के मरीजों में 100% रिमिशन (बीमारी पूरी तरह खत्म) देखा गया. वहीं लिंफोमा के मरीजों में 50% रिमिशन देखा गया. सबसे खास बात यह रही कि 80% मरीज 15 महीने बाद भी कैंसर-मुक्त रहे. अगर 
साइड इफेक्ट्स की बात करें तो ये भी बेहद कम देखा गया, वहीं न्यूरोटॉक्सिसिटी (दिमाग पर दुष्प्रभाव) का कोई बड़ा मामला नहीं देखा गया. साथ ही ट्रायल में 90% मरीजों में किसी तरह की एलर्जी नहीं देखी गई

पहले 40 दिन का रिकॉर्ड, अब सिर्फ 9 दिन में इलाज!

एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले CAR-T थेरेपी में T-कोशिकाओं को निकालने से लेकर इन्फ्यूजन तक 40 दिन का समय लगता था. लेकिन ICMR और सीएमसी वेल्लोर की टीम ने इस प्रक्रिया को सिर्फ 9 दिनों में पूरा कर दिखाया. ये अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. इस तकनीक में कोशिकाओं को फ्रोजन करने की जरूरत नहीं पड़ती. इसमें ताजा (फ्रेश) इन्फ्यूजन के जरिए तेजी से रिजल्ट मिलते हैं. 

अस्पताल में ही मिल सकता है सस्ता इलाज 

VELCART की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये इलाज अस्पताल में ही किया जा सकता है. इससे पहले मरीजों को कोशिकाओं को विदेश भेजना पड़ता था, जिसके कारण लागत बहुत ज्यादा हो जाती थी लेकिन अब ऑटोमेटेड सिस्टम के जरिए कोशिकाओं को उसी अस्पताल में संशोधित किया जाता है, जहां मरीज का इलाज चल रहा है. 

(1/4) India moves closer to innovative cancer care! An ICMR-funded Phase 1 trial led by @CMC_Vellore, published in @MolTherapy, demonstrates CAR-T therapy, which uses patient’s own T cells to fight cancer, can be safely manufactured & infused at point of care in India at low cost pic.twitter.com/XvpFq3TKOg

— ICMR (@ICMRDELHI) May 5, 2025

ICMR ने अपनी पोस्ट में कहा कि ये स्टडी दिखाती है कि भारत कैंसर के इलाज में अग्रणी बन सकता है. VELCART न सिर्फ तेज और किफायती है बल्कि इसे बड़े पैमाने पर लागू भी किया जा सकता है. ये तकनीक खास तौर पर उन गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित होगी, जो महंगे इलाज का खर्च नहीं उठा सकते. ICMR की पोस्ट में लिखा गया कि यह स्टडी दिखाती है कि भारत अत्याधुनिक कैंसर थेरेपी को तेजी और किफायती ढंग से लागू कर पाएगा. 

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