ऑफिस जॉब से एशिया कप तक... संघर्ष भरी है ओमानी क्रिकेटरों की कहानी

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ओमान के क्रिकेट खिलाड़ियों की कहानी संघर्ष और जुनून की मिसाल है. वे लंबे समय तक ऑफिस जॉब करते रहे और खाली समय में क्रिकेट खेलते थे. आज उनकी मेहनत उन्हें एशिया कप 2025 तक ले आई है. कप्तान जतिंदर सिंह और ऑलराउंडर सुफयान महमूद न सिर्फ टीम की उम्मीदें लेकर खेलते हैं, बल्कि पूरी ओमान क्रिकेट की कहानी दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं.

शुरुआत में खिलाड़ियों का मुख्य उद्देश्य नौकरी पाना था. क्रिकेट उसके बाद आता था. अधिकांश खिलाड़ी ऑफिस में काम करते और शाम को क्रिकेट की प्रैक्टिस करते. जतिंदर के अनुसार, एशिया कप में ओमान का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए एक सपना पूरा होने जैसा है.

आसान नहीं रहा क्रिकेट का सफर

ओमानी खिलाड़ियों की क्रिकेट यात्रा आसान नहीं थी. पहले वे सीमेंट की पिचों पर खेलते थे. 2008 में एस्ट्रो टर्फ और 2011 में पहला असली टर्फ ग्राउंड मिला. कठिनाइयों के बावजूद उनका जुनून उन्हें आगे बढ़ाता रहा.

कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हार मान कर चले गए, लेकिन जतिंदर और सुफयान जैसे खिलाड़ी टिके रहे. सुफयान को शुरुआत में घर से विरोध का सामना करना पड़ा. उनके माता-पिता चाहते थे कि वे पढ़ाई और नौकरी पर ध्यान दें. लेकिन सुफयान ने हार नहीं मानी. उनकी मेहनत 2016 T20 वर्ल्ड कप में रंग लाई, जब टीम ने आयरलैंड को हराया.

जब आयरलैंड को हराकर चौंका दिया

ओमान ने 2015 में T20 इंटरनेशनल का दर्जा हासिल किया. 2016 के T20 वर्ल्ड कप में उसने आयरलैंड को हराकर दुनिया को चौंका दिया. हालांकि बाद में बारिश और हार ने टीम के सफर को रोक दिया, लेकिन यह टूर्नामेंट टीम के लिए नया मोड़ साबित हुआ.

2016 के बाद टीम की तैयारी और दृष्टिकोण पूरी तरह बदल गया. अब टीम अनुशासन, पेशेवर कोचिंग और प्रशिक्षण पर ज्यादा ध्यान देती है. खिलाड़ियों ने खेल का आनंद लेना शुरू किया और अब 2025 में टीम और भी मजबूत है.

एशिया कप 205: ओमान ग्रुप A में 

एशिया कप 2025 में ओमान ग्रुप A में भारत, पाकिस्तान और UAE के साथ मुकाबला करेगा. जतिंदर और सुफयान इस टूर्नामेंट को सीखने और खुद को साबित करने का अवसर मानते हैं.

जतिंदर ने भारत के खिलाड़ियों में शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव, अभिषेक शर्मा, अर्शदीप सिंह और तिलक वर्मा का नाम लिया. सुफयान ने हार्दिक पंड्या की तारीफ की और कहा कि वे भारतीय टीम से खेल की तैयारी और दबाव को संभालने की कला सीखना चाहते हैं.

भविष्य की तैयारी में, ओमान क्रिकेट युवा खिलाड़ियों को विकसित करने पर ध्यान दे रहा है. डिप्टी हेड कोच सुलक्षण कुलकर्णी स्कूलों में क्रिकेट कार्यक्रम चला रहे हैं.

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अकादमी के कोच बच्चों को क्रिकेट की बुनियादी तकनीकें सिखाते हैं और उनमें टैलेंट निखारते हैं. इसका उद्देश्य ओमान के लिए लंबे समय तक मजबूत और कुशल खिलाड़ी तैयार करना है.

ओमान में फुटबॉल ज्यादा लोकप्रिय

ओमान में फुटबॉल अधिक लोकप्रिय है, लेकिन क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.

जतिंदर और सुफयान की कहानी बताती है कि जुनून, मेहनत और आत्म-विश्वास से कोई भी खिलाड़ी कठिन परिस्थितियों को पार कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकता है.

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