कभी-कभी सबसे खतरनाक साजिशें बंद कमरों और अवैध रिश्तों की आड़ में पनपती हैं. ऐसा ही एक खौफनाक वारदात यूपी के कानपुर जिले से सामने आई है. जहां एक छोटे से गांव में खामोश के साथ एक साजिश बुनी गई. जिसमें प्यार और धोखे का खेल खूनी वारदात में बदल गया. एक शादीशुदा औरत जो अपने भांजे के प्यार में इतना गिर गई कि उसने अपने बेगुनाह पति को मौत की आगोश में पहुंचा दिया. यही नहीं, उसकी लाश पर नमक डालकर मिट्टी दफ्न कर दिया. उसे यकीन था कि उसके गुनाह का सच कभी बाहर नहीं आएगा. लेकिन 311 दिन बाद, वही सच मिट्टी की तह चीरकर बाहर आ गया. और फिर खुला वो राज, जिसे सुनकर पूरा इलाका सन्न रह गया.
अवैध रिश्ते की खातिर जुर्म
ये खूनी कहानी है कानपुर के सचेंडी इलाके की. जिसने सबको हैरान कर दिया. वहां एक औरत ने अपने पति के साथ ऐसा विश्वासघात किया कि सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए. शादीशुदा औरत अपने ही भांजे के प्यार में अंधी हो गई और इस रिश्ते को बचाने के लिए उसने सबसे बड़ा पाप कर डाला- पति की हत्या. और फिर लाश को मिट्टी और नमक में दबाकर इस जुर्म की कहानी को हमेशा के लिए गुम कर देने की साजिश रची.
बच्चों से लगातार झूठ बोलती रही कातिल पत्नी
लक्ष्मी नाम की उस औरत से जब उसके बच्चे मासूमियत से पूछते- “मां, पापा कहां गए?” तो हर बार उन्हें एक ही जवाब सुनने को मिलता- “तुम्हारे पापा गुजरात काम पर गए हैं.” लेकिन इस झूठ के पीछे एक बड़ा राज दबा था. 311 दिन तक वो सच जमीन के नीचे पड़ा रहा, और ऊपर घर में वो औरत झूठ का पहाड़ खड़ा करती रही. आखिरकार एक दिन वह सच बाहर आया, जब एक बुज़ुर्ग मां ने हार न मानते हुए पुलिस को सच की तह तक पहुंचा ही दिया.
अवैध रिश्ते के चलते रची साजिश
कानपुर जिले के लालपुर गांव की लक्ष्मी का भांजा अमित अक्सर उनके घर आता-जाता था. पहले मामी और भांजे वाली रिश्तेदारी थी, फिर धीरे-धीरे यह रिश्ता बदलने लगा. और इस बदलते रिश्ते ने सारी हदें पार कर दी. लक्ष्मी और अमित के बीच ऐसा अवैध संबंध बना, जिसने समाज और परिवार दोनों को कलंकित कर दिया. इस अवैध रिश्ते और प्यार ने उन दोनों को अंधा कर दिया और उन्होंने मिलकर लक्ष्मी के पति शिवबीर सिंह को रास्ते से हटाने की ठान ली.
दिवाली की रात पति का मर्डर
30 अक्टूबर 2024, छोटी दिवाली की रात थी. जब पूरा देश दीपों से जगमगा रहा था और यमराज की पूजा कर रहा था. ठीक उसी वक्त लक्ष्मी ने अपने ही घर में मौत का दीपक जला दिया. उसने अपने पति को चाय में नशीली दवा पिलाई. जैसे ही उसका पति शिवबीर बेसुध हुआ, अमित और लक्ष्मी ने मिलकर लोहे की रॉड से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार किए. नतीजा ये हुआ कि कुछ ही पलों में शिवबीर की सांसें थम चुकी थीं. उसका जिस्म ठंड़ा पड़ चुका था. अब वो इस दुनिया में नहीं था. उसका कत्ल करने के बाद अमित और लक्ष्मी चैन से नहीं बैठे. क्योंकि अब बारी थी लाश को ठिकाने लगाने की.
आधी रात को जमीन में दफन की लाश
शिवबीर की हत्या के बाद दोनों ने घर के पास बगीचे में ही एक गहरा गड्ढा खोदा. हर तरफ रोशनी तो थी, लेकिन आधी रात का सन्नाटा पसर चुका था. हालात और खून से सनी लाश... सब मिलकर खौफ का मंजर बना रहे थे. दोनों लाश लेकर वहां पहुंचे और फिर लाश को उस गड्ढे में डालकर उस पर 12 किलो नमक डाल दिया, ताकि शिवबीर की लाश जल्दी सड़-गल जाए और ये खूनी राज हमेशा के लिए दफन रह जाए. फिर उन दोनों मिट्टी डालकर उस गड्ढे को पाट दिया, जैसे वहां कुछ हुआ ही न हो.
सास का शक, बहू का झूठ
अलगे दिन शिवबीर को घर में ना पाकर उसकी मां सावित्री देवी परेशान हो गई. उसे शुरू से ही अपनी बहू और उसके भांजे के रिश्ते पर शक था. जब बेटा अचानक गायब हो गया और उसका फोन बंद हो गया, तो उस बूढ़ी मां ने पुलिस के दरवाजे खटखटाए. लेकिन हर जगह से वही जवाब मिला- “गुजरात चला गया होगा.” थाने से लेकर दफ्तर तक वो बुजुर्ग महिला पुलिसवालों के चक्कर लगाती रही, लेकिन बेटे की गुमशुदगी दर्ज तक नहीं हुई. सावित्री देवी की आंखों से आंसू बहते रहे, लेकिन उनकी गुहार कानून और पुलिस के लिए अनसुनी रही.
बूढ़ी मां की जिद ने खोला खूनी राज
करीब 10 महीने बाद, 19 अगस्त 2025 को सावित्री देवी ने हार मानने से इंकार कर दिया. उस मजबूर लाचार बूढ़ी मां ने अपने बेटे की खातिर सीधे पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की. इसके बाद पुलिस हरकत में आई. मामला दर्ज हुआ और जांच शुरू हुई. पुलिस ने सबसे पहले लक्ष्मी के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल यानी सीडीआर निकाली. उसमें खुलासा हुआ कि उसके पति शिवबीर के गायब होने के बाद से वह लगातार अपने भांजे अमित से बात कर रही थी. यही धागा पुलिस को इस खूनी साजिश के पूरे जाल तक ले गया.
मामी-भांजे ने ऐसे कुबूल किया अपना जुर्म
इसके फौरन बाद पुलिस ने लक्ष्मी के भांजे अमित को उठा लिया. जैसे ही पुलिस ने अमित को उठाया और पूछताछ शुरू की, उसका चेहरा सब बयां कर गया. पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच्चाई कुबूल कर ली. इसके बाद लक्ष्मी को थाने बुलाया गया और थोड़ी ही देर में उसका झूठ भी ढह गया. उसने अपना गुनाह मान लिया- पति की हत्या और लाश को दबाने की साजिश. दोनों से पूछताछ के दौरान इस हत्याकांड की एक-एक परत खुलती गई और सच सबके सामने आ गया.
311 दिन बाद बाहर आया सच
अब बारी थी लाश बरामद करने की तो पुलिस की टीम शिवबीर की पत्नी लक्ष्मी को लेकर मौका-ए-वारदात पर पहुंची और उसकी निशानदेही पर बगीचे की खुदाई कराई. जैसे-जैसे मिट्टी हटती गई वैसे वैसे इंसानी हड्डियां, कपड़े और दूसरा सामान मिलने लगा. इस तरह करीब 311 दिन बाद, जमीन में दफन किया गया सच बाहर आ गया. मृतक के कपड़ों की पहचान बेटे ने की और फॉरेंसिक जांच के लिए अवशेष भेजे गए. इस खुलासे के बाद पूरे गांव में खामोशी छा गई, हर कोई दंग था कि इतनी बड़ी साजिश इतने दिनों तक दबाकर कैसे रखी गई थी.
बहन का दर्दभरा सवाल
शिवबीर का परिवार जब थाने में मौजूद था, तो उसकी बहन चीखते हुए बोली, “भाभी, आपने मेरे भाई को क्यों मारा? उसका क्या कसूर था?” वहीं सावित्री देवी बदहवास होकर बस यही कहती रहीं, “मेरा इकलौता बेटा था, मैंने पुलिस से बार-बार कहा, पर किसी ने मेरी नहीं सुनी.” उस दिन थाने का हर कोना आंसुओं से भर गया था.
कातिलों पर कानूनी शिकंजा
पनकी के एसीपी शेखर कुमार ने बताया कि लक्ष्मी और उसके भांजे अमित को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनका रिश्ता ही इस खौफनाक जुर्म की वजह बना. अब कानून की गिरफ्त में दोनों से पूछताछ जारी है और आगे की कार्रवाई भी चल रही है. गांव में यह मामला लोगों के लिए एक इबारत बन गया कि जब प्यार अवैध रिश्ते की राह पर गलत मोड़ लेता है, तो उसका अंजाम कितना डरावना हो सकता है.
(कानपुर से रंजय सिंह का इनपुट)
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