कंप्यूटर लेकर भागे, कुर्सियां-बर्तन भी नहीं छोड़े.... नेपाल की संसद में बवाल का Video

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नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट के दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ गुस्से में सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट, अटॉर्नी जनरल कार्यालय, नेपाली कांग्रेस कार्यालय में आग लगा दी.

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नेपाल के संसद भवन परिसर से उठता धुआं और बाहर इकट्ठे प्रदर्शनकारी. (Photo: Reuters)

नेपाल में सोशल मीडिया बैन, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान लगातार दूसरे दिन बड़े पैमाने पर हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ हुई. सेना प्रमुख से मुलाकात के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, लेकिन हिंसक प्रदर्शन नहीं रुकी.  Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाया. काठमांडू में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के निजी आवासों को आग के हवाले कर दिया गया.

प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट, अटॉर्नी जनरल कार्यालय, नेपाली कांग्रेस कार्यालय में आग लगा दी. नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और पूर्व पीएम पुष्पकमल दाहाल (प्रचंड) के आवास के बाहर पुलिस पिकेट को जला दिया. सीपीएन-यूएमएल पार्टी का केंद्रीय कार्यालय भी तोड़फोड़ का शिकार हुआ, जबकि संसद के एक गेट को तोड़कर आग लगा दी गई. काठमांडू की सड़कों पर उग्र प्रदर्शनकारी संसद भवन से कंप्यूटर, कुर्सियां और बर्तन लूटकर ले जाते दिखे.

सूचना एवं संचार मंत्री प्रिथ्वी सुभ्बा गुरुंग और ऊर्जा मंत्री दीपक खड्का के आवासों पर भी हमले हुए. प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के हिल्टन होटल (जो सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता का है) को भी आग लगा दी. रौताहट जिले के चंद्रपुर नगरपालिका में भी आगजनी की खबरें आई हैं. पुलिस और सेना ने आंसू गैस, रबर बुलेट्स और वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही. कर्फ्यू लगाने के बावजूद सैकड़ों युवा सड़कों पर उतर आए. 

इस आंदोलन का आयोजन करने वाले NGO 'हामी नेपाल' ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा नहीं करने की अपील की. इस संगठन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंस्टैंट मैसेजिंग एप्स पर प्रदर्शनकारियों के नाम एक संदेश प्रसारित किया, 'सरकार पहले ही गिर चुकी है. अब समय आ गया है कि हम पीछे हटें और विनाश को रोकें. हिंसा का हर कृत्य और हर जान का नुकसान और भी ज्यादा दर्द लाता है. और अंत में, हमें ही भुगतना होगा और सबकुछ फिर से बनाना होगा. कृपया, यह पागलपन बंद करें. अनुशासित रहें, एकजुट रहें, और उस बेहतर नेपाल के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें जिसके लिए हम सभी ने संघर्ष किया है.'

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