कनाडा की राजधानी ओटावा में एक बुजुर्ग यहूदी महिला को एक किराना स्टोर में चाकू मार दिया गया. इस अपराध के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी पर हमला करने और खतरनाक हथियार रखने का आरोप लगाया गया है. द जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला एक ऐसे शख्स ने किया है, जिसका इतिहास यहूदी विरोधी रहा है.
ओटावा पुलिस सर्विस (OPS) के एक बयान के मुताबिक, पीड़िता अपनी एक सहेली के साथ एक स्टोर में खरीदारी कर रही थी, तभी एक शख्स ने आकर उसे चाकू मार दिया. उस स्टोर में एक बड़ा कोशेर (फूड) सेक्शन था.
ओपीएस ने बाद में साफ किया कि पीड़िता और संदिग्ध एक-दूसरे को नहीं जानते थे. स्टोर के कर्मचारियों ने घायल महिला की मदद की, जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया. इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई.
कौन है आरोपी?
ओटावा सिटिजन के मुताबिक, आरोपी की पहचान कॉर्नवाल के रहने वाले जोसेफ रूके (71) के रूप में हुई है, जिसे ओपीएस अधिकारियों ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया. उस पर गंभीर हमला और खतरनाक हथियार रखने का आरोप लगाया गया है. कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस अपराध पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस घटना की निंदा की और देश के यहूदी समुदाय को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया.
प्रधान मंत्री और महापौर की आई प्रतिक्रिया
मार्क कार्नी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ओटावा में एक यहूदी महिला पर हुआ हमला 'बेहद परेशान करने वाला' है. उन्होंने कहा कि यहूदी समुदाय अकेला नहीं है और वे नफरत और उनकी सुरक्षा के खिलाफ खड़े हैं.
ओटावा के मेयर मार्क सटक्लिफ ने भी लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने पीड़िता के परिवार के साथ-साथ शहर के यहूदी नेताओं से भी बात की है. उन्होंने कहा, "यह निंदनीय हिंसा ओटावा के यहूदी समुदाय में महत्वपूर्ण संकट का कारण बनी है."
द सेंटर फॉर इजरायल एंड ज्यूइश अफेयर्स और ब'नाई ब्रिथ कनाडा ने कहा कि यह हमला यहूदी विरोधी था. उन्होंने रूके के कथित सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की ओर इशारा किया. एक पोस्ट में रूके ने खुद को 'यहूदी विरोधी और नास्तिक' घोषित किया था और यहूदी धर्म को 'दुनिया का सबसे पुराना पंथ' बताया था. अन्य पोस्ट में उसने यहूदी धर्म पर गाजा में कथित नरसंहार के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था.
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जोसेफ रूके के अकाउंट पर एक पोस्ट में 7 अक्टूबर के हमले के बारे में भी लिखा गया था. पोस्ट में कहा गया था कि हालांकि कोई भी पक्ष निर्दोष नहीं था, लेकिन इजरायल द्वारा दो-राष्ट्र समाधान को अस्वीकार करने की वजह से हमास को हमला करना पड़ा. ब'नाई ब्रिथ कनाडाने इस घटना के बाद अपनी चिंताओं को दोहराया.
यहूदी संगठनों की चिंता...
ब'नाई ब्रिथ कनाडा ने कहा कि हमारे राष्ट्र का क्या हो गया है? कनाडाई मूल्यों का क्या हो गया है? उन्होंने कहा कि वे एक ऐसे कनाडा में रह रहे हैं, जहां लोग किराना खरीदने वाली महिलाओं को चाकू मार रहे हैं, जो कथित तौर पर उनके धार्मिक विश्वासों के कारण उन्हें निशाना बना रहे हैं. टोरंटो के यहूदी संघ ने भी कहा कि पुलिस इस हमले के पीछे नफरत की संभावना पर विचार कर रही है. संगठन ने राजनेताओं, कानून प्रवर्तन और लोब्ला से सुरक्षा उपायों पर बात की है.
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