बलिया जिले में 11 छात्रों पर फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए NEET-UG 2025 की काउंसलिंग में स्वतंत्रता सेनानी आश्रित कोटे से दाखिला लेने का मामला सामने आया है. जांच में प्रमाणपत्रों पर नकली सील और हस्ताक्षर पाए गए. प्रशासन ने 4 छात्रों पर FIR दर्ज की है और बाकी पर भी कार्रवाई जारी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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छात्रों द्वारा जमा किए गए प्रमाणपत्र DM कार्यालय से जारी नहीं किए गए थे. (Photo: Representational)
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बड़ा शिक्षा घोटाला सामने आया है. यहां 11 छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानी आश्रित कोटे का फायदा उठाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया.
चार छात्रों पर FIR दर्ज
शनिवार को तहसीलदार सदर अतुल हर्ष की शिकायत पर पुलिस ने चार छात्रों विवेक ठाकुर (पखनपुरा), ख्याती गुप्ता (नगवा गाई), सुमित कुमार राय (बिबीपुर) और आशीष कुमार (फिरोजपुर) के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया.
DM ने दिए थे जांच के आदेश
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के महानिदेशक के निर्देश पर प्रमाणपत्रों की जांच की गई. इसके लिए एडीएम की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति बनाई गई.
जांच में हुआ खुलासा
जांच के दौरान पाया गया कि छात्रों द्वारा जमा किए गए प्रमाणपत्र DM कार्यालय से जारी नहीं किए गए थे. उन पर लगी सील और हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए. समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कुल 11 छात्रों के दस्तावेज नकली हैं.
सभी 11 पर होगी कार्रवाई
DM ने कहा कि जिन 11 छात्रों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, उनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया जाएगा. यह कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से हो रही है और जल्द ही बाकी आरोपियों के नाम भी सामने आएंगे.
पुलिस की जांच जारी
एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है. पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इन फर्जी प्रमाणपत्रों को बनाने में किन लोगों का हाथ है और क्या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है.
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है बल्कि ऐसे छात्रों के भविष्य को भी प्रभावित करता है, जिन्होंने मेहनत से परीक्षा पास की है. प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.
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