दुनिया की 85% आबादी देख सकेगी चंद्र ग्रहण का नजारा, जानें भारत में सूतक का समय

5 hours ago 1

Chandra Grahan 2025: साल का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 की रात को लगने वाला है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगने जा रहा है. चंद्र ग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर को रात 09 बजकर 58 मिनट पर होगी. चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लागू हो जाता है. सूतक काल लगते ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और पूजा-पाठ या देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का स्पर्श वर्जित हो जाता है. इस चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल रंग का नजर आएगा, जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में 'ब्लड मून' कहते हैं. यह चंद्र ग्रहण कई और मायनों में खास रहने वाला है

दुनिया की 85 फीसद आबादी देख सकेगी चंद्र ग्रहण

यह चंद्र ग्रहण पूरी दुनिया की लगभग 85 प्रतिशत आबादी को दिखाई देगा. भारत के विभिन्न शहरों के अलावा, चंद्र ग्रहण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूदीलैंड में दिखाई देगा. लेकिन उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के लोग इसे नहीं देख पाएंगे, क्योंकि वहां चाँद के निकलने से पहले ही ग्रहण समाप्त हो जाएगा.

चंद्र ग्रहण का समय और अवधि

चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा और देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर समाप्‍त होगा. लेकिन इसे भारत में देखने का सबसे अच्‍छा समय रात 11 बजे से रात 12 बजकर 22 मिनट के बीच रहेगा. कुल मिलाकर, यह ग्रहण लगभग 3 घंटे 29 मिनट तक चलेगा, जिसमें पूर्ण चंद्र ग्रहण की अवधि 1 घंटा 22 मिनट होगी.

क्या होता है ब्लड मून? 

खगोलविदों के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा. इसे ब्लड मून कहा जाता है. सूर्य की किरणें जब पृथ्वी के वायुमंडल से होकर चांद तक पहुंचती हैं तो नीली रोशनी बिखर जाती है और लाल रोशनी अधिक मात्रा में पहुंचती है. यही कारण है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चांद लाल रंग का दिखाई पड़ता है.

चंद्र ग्रहण में क्या करें?

हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यताएं हैं कि कि इस दौरान लोग मंत्र जाप, ध्यान और दान-पुण्य करते हैं. ग्रहण काल में किया गया जप और तप सैकड़ों गुना अधिक फलदायी माना जाता है. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने और घर में शुद्धिकरण के लिए गंगाजल छिड़कने की परंपरा है. चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए.

---- समाप्त ----

Live TV

Read Entire Article