कांगो में सड़कें खराब होने या विद्रोहियों से प्रभावित होने से लोग एक से दूसरी जगह जाने के लिए जलमार्गों और पुरानी लकड़ी की नावों पर निर्भर हैं, जो अक्सर क्षमता से दोगुनी यात्रियों से भरी होती हैं. लाइफ जैकेट्स की कमी और रात के समय जलमार्ग के रास्ते सफर में जोखिम भरे रास्तों की अनदेखी आम हैं, जिससे हादसों को बढ़ावा मिलता है.
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कांगो में नाव पलटने से 86 यात्रियों की मौत. (Representational Image)
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) के उत्तर-पश्चिमी इक्वेटर प्रांत में बुधवार को एक मोटराइज्ड नाव के पलटने से कम से कम 86 लोगों की मौत हो गई. राज्य मीडिया के अनुसार, बासांकुसु क्षेत्र में कांगो नदी पर हुई इस दुर्घटना में अधिकांश मृतक छात्र थे. नाव पर सवार सैकड़ों लोग मलान्या से बासांकुसु की ओर जा रहे थे, जब तेज धारा और संभवतः ओवरलोडिंग के कारण वह पलट गई.
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि 60 से अधिक शव बरामद हो चुके हैं, जबकि कई लापता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में रेड क्रॉस और स्थानीय नाविकों ने मदद की, लेकिन खराब मौसम ने काम मुश्किल कर दिया. यह घटना कांगो में जल परिवहन की खतरनाक स्थिति को फिर उजागर करती है, जहां नदियां और झीलें 1 करोड़ से अधिक आबादी के लिए मुख्य यातायात साधन हैं.
कांगो में नाव हादसों का इतिहास
सड़कें खराब होने या विद्रोहियों से प्रभावित होने से लोग एक से दूसरी जगह जाने के लिए जलमार्गों और पुरानी लकड़ी की नावों पर निर्भर हैं, जो अक्सर क्षमता से दोगुनी यात्रियों से भरी होती हैं. लाइफ जैकेट्स की कमी और रात के समय जलमार्ग के रास्ते सफर में जोखिम भरे रास्तों की अनदेखी आम हैं, जिससे हादसों को बढ़ावा मिलता है. कांगो में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं, जो सैकड़ों जिंदगियां निगल चुकी हैं.
अप्रैल 2025 में कांगो नदी पर HB कांगो नाव में आग लगने और पलटने से 148 मौतें हुईं, 500 यात्रियों में से 100 से अधिक लापता थे. जून 2024 में किंशासा के पास एक नाव हादसे में 80 लोगों की मौत हो गई थी, अक्टूबर 2024 में पूर्वी कांगो के लेक किवू पर 278 यात्रियों वाली नाव डूब गई थी, जिसमें 78 की मौतें हुईं. साल 2019 में लेक किवू पर एक नाव हादसे में 150 से अधिक डूबकर मर गए थे.
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