मुंबई का 125 साल पुराना ब्रिटिशकालीन एल्फिंस्टन ब्रिज (Elphinstone Bridge) आज आधी रात से यातायात के लिए बंद कर दिया जाएगा. यह पुल अगले दो साल तक बंद रहेगा. ब्रिज को तोड़कर उसकी जगह नया पुल बनाया जाएगा. इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी की गई, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि आज रात 9 बजे से वैकल्पिक यातायात व्यवस्था लागू हो जाएगी.
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने इस पुल को ध्वस्त कर इसकी जगह नया 4.5 किलोमीटर लंबा डबल डेकर फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई है. इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी हुई. पुल को तोड़ने की अधिसूचना चौथी बार जारी की गई है, लेकिन अब तक कार्य शुरू नहीं हो पाया था.
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वैकल्पिक यातायात व्यवस्था
ट्रैफिक पुलिस ने ब्रिज बंद होने के बाद वैकल्पिक मार्ग तय किए हैं. मोटर चालक दादर के तिलक ब्रिज और चिंकपोकली पुल का उपयोग रेलवे ट्रैक पार करने के लिए कर सकते हैं. वहीं, करी रोड पुल पर यातायात तीन स्लॉट्स में नियंत्रित होगा. सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक पुल पूर्व से पश्चिम दिशा के वाहनों के लिए, दोपहर 3 से रात 11 बजे तक पश्चिम से पूर्व दिशा और रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक दोनों दिशाओं के लिए खुला रहेगा.
कैसा होगा नया फ्लाईओवर
एमएमआरडीए की योजना के अनुसार, नया पुल 13 मीटर चौड़ा और चार लेन का होगा. यह सीवडी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर कहलाएगा, जो पूर्वी तट पर अटल सेतु को पश्चिमी तट पर बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जोड़ेगा. डबल डेकर फ्लाईओवर में दो स्तर होंगे. पहले स्तर पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर रोड और सेनापति बापट मार्ग के बीच यातायात की सुविधा होगी, जबकि दूसरे स्तर से अटल सेतु और बांद्रा-वर्ली सी लिंक के बीच सीधा संपर्क बनेगा. पुल का निर्माण पुश-पुल तकनीक से किया जाएगा ताकि सक्रिय रेलवे लाइनों पर भी कार्य हो सके.
स्थानीय विरोध और चिंता
ब्रिज के ध्वस्तीकरण और नए फ्लाईओवर निर्माण का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है. उनका कहना है कि इस परियोजना से 19 में से केवल दो इमारतों को तोड़ा जा रहा है, जबकि बाकी 17 इमारतों का भविष्य अधर में है. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ब्रिज बनने के बाद जगह कम हो जाएगी और कोई डेवलपर इन इमारतों को पुनर्विकसित करने के लिए आगे नहीं आएगा. इससे लगभग 430 परिवारों का संकट और गहरा जाएगा.
स्थानीय विधायक कालिदास कोलंबकर भी निवासियों के समर्थन में सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अगर लोगों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज होगा.
प्रदर्शन की चेतावनी
स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर आज रात से पुल तोड़ने का काम शुरू होता है, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. लोग चाहते हैं कि सरकार पहले प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और डेवलपमेंट का ठोस समाधान निकाले, उसके बाद ही कार्य आगे बढ़ाया जाए.
अब देखना यह होगा कि क्या सरकार स्थानीय निवासियों की मांगों पर विचार करती है या परियोजना को किसी भी कीमत पर आगे बढ़ाती है. फिलहाल, ट्रैफिक पुलिस की वैकल्पिक व्यवस्था लागू हो गई है और मुंबई वासियों को आने वाले दो साल तक इस ऐतिहासिक पुल से होकर गुजरने की सुविधा नहीं मिलेगी.
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