कांग्रेस का 'बिहार प्लान', सीएम चेहरा रहेगा गुमनाम... क्या आरजेडी को रास आएगा?

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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी सियासी एक्सरसाइज शुरू कर दी है. सीट शेयरिंग के मुद्दे पर आरजेडी के साथ बातचीत करने से पहले कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बिहार नेताओं के साथ होमवर्क पूरा कर लिया. साथ ही कांग्रेस ने सीट शेयरिंग के लेकर समझौता करने के लिए तैयार है, लेकिन सीएम चेहरे पर सस्पेंस बरकरार रखेगी. 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अगुवाई मंगलवार शाम बिहार के नेताओं की दिल्ली में बैठक हुआ जिसमें राहुल गांधी भी मौजूद थे. बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने बुधवार को विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तार से मीडिया से बातचीत की. 

दिल्ली में बुधवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू से पत्रकारों ने महागठबंधन के सीएम चेहरे पर सवाल पूछा गया तो पहले तो वे इसे टाल गए. इसके बाद फिर कहा कि बिहार का मुख्यमंत्री जनता तय करेगी. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस के प्लान पर आरजेडी रजामंद होगी. 

सीएम पर कांग्रेस बनाए रखेगी सियासी सस्पेंस

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव काफी पहले ही कह चुके हैं कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, तो तेजस्वी भी अपने नाम का खुद ही ऐलान कर चुके हैं. इसके बाद भी कांग्रेस तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुनाव नहीं लड़ना चाहती. 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान राहुल गांधी से इस संबंध में कई बार सवाल किए गए, लेकिन हर बार वो कन्नी काटते नजर आए.

बिहार में कांग्रेस आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर राजी है, लेकिन इस बात पर सहमत नहीं है कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा तेजस्वी यादव को बनाया जाए. कृष्णा अल्लावरू ने बुधवार को साफ कर दिया है कि बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ेगी और चुनाव नतीजे के बाद फैसला करेगी.

'इंडिया ब्लॉक' ने 2024 में पीएम पद का चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा था. 'इंडिया ब्लॉक' ने एक 'ज्वाइंट कमेटी' बनाई थी, उसी तर्ज पर बिहार में 'कोऑर्डिनेशन कमेटी' बनाई गई है. कांग्रेस की रणनीति है कि बिना सीएम चेहरे के उतरने से किसी समाज के वोट छिटकने का खतरा नहीं होगा. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उसे लगता है कि तेजस्वी के नाम पर गैर-यादव ओबीसी और सवर्ण छिटक सकता है. 

सीट शेयरिंग पर कांग्रेस दिखाएगी बड़ा दिल

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जब  सवाल किया गया तो अल्लावरू ने कहा कि, हम मानते हैं कि गठबंधन में नए साथी आएंगे तो सभी को कंप्रोमाइज करना होगा, तभी नए साथी को मौका मिलेगा. हर प्रदेश में अच्छी और खराब सीटें होती हैं. बंटवारे में अच्छी और बुरी सीटों का ध्यान रखना चाहिए सीट शेयरिंग समय पर कर ली जाएगी.  

कृष्ण अल्लावरू ने पशुपति कुमार पारस की पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को महागठबंधन में शामिल किए जाने पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इस दिशा में बातचीत सकारात्मक है और बहुत जल्द इस पर औपचारिक घोषणा हो सकती है. 

सीट शेयरिंग पर अलावरू ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी सूची राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है. इस मुद्दे पर समन्वय समिति में चर्चा जारी है. उन्होंने भरोसा जताया कि 15 सितंबर तक सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला हो जाएगा, अलावरू ने यह भी कहा कि कांग्रेस को जितनी भी सीटें मिलेंगी, वह उसमें कोई आपत्ति नहीं करेगी. 

ओवैसी की पार्टी का महागठबंधन में नो-एंट्री

कृष्णा अलावरू के बयानों से साफ है कि कांग्रेस सीट बंटवारे में लचीलापन दिखाने के मूड में है, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को महागठबंधन में जगह देने या न देने का फैसला अब पूरी तरह से लालू यादव के पाले में डाल दी है.

कांग्रेस नेता ने साफ कहा कि एओवैसी की पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने की चर्चाओं से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है. अलावरू ने बताया कि ओवैसी ने महागठबंधन में शामिल होने को लेकर लालू यादव को पत्र लिखा है. सलिए इस पर वही स्पष्टीकरण देंगे, कांग्रेस का इससे कोई संबंध नहीं है. आरजेडी भी तय कर चुकी है कि ओवैसी की पार्टी को महागठबंधन में शामिल नहीं किया जाएगा. 

बिहार में कांग्रेस हर घर यात्रा निकालेगी

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपना कोई घोषणापत्र नहीं निकालेगी. कांग्रेस अपना मेनिफेस्टो जारी करने के  बजाय महागठबंधन का संयुक्त रूप से घोषणापत्र निकालेगी. यह बात कृष्ण  अलावरू ने कही. साथ ही कहा कि मेनिफेस्टो को लेकर हम हर घर अधिकार यात्रा निकालेंगे, ताकि सभी तक पहुंचा जा सके. इसमें लोगों को मेनिफेस्टो की जानकारी दी जाएगी.
 

कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमिटी की आज बैठक

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुधवार को होनी है. अजय माकन की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें कांग्रेस संभावित मजबूत सीटों पर अपने प्रत्याशी के नाम पर विचार करेगी. इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, विधानसभा में दल के नेता शकील अहमद खान, विधान परिषद में दल के नेता मदन मोहन झा शामिल होंगे.

पहली बार तीनों सह-प्रभारी व राष्ट्रीय सचिवों को बुलाया गया है, जिसमें सुशील पासी, शाहनवाज आलम और देवेंद्र यादव शामिल हैं. बिहार में कांग्रेस के तीनों सह-प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र की सीटों पर जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं. कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में करीब दो दर्जन सीटों पर पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के नामों की छंटनी की जाएगी.

विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इसमें से 19 पर जीत दर्ज की थी. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सबसे पहले इन 19 सीटों पर विचार किया जाएगा. सर्वे में खराब फीडबैक पर मौजूदा विधायकों का टिकट बदलने पर विचार किया जा सकता है.

बैठक में संभावित नामों पर विचार होने के बाद भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद की जाएगी. कांग्रेस सीटों के साथ संभावित उम्मीदवारों के जातीय समीकरण को भी ध्यान में रख रही है. ऐसे में कई सीटों पर अदला-बदली का भी फॉर्मूला अपनाने पर विचार किया जा रहा है.

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