क्या बंधकों के शव लौटाने में जान-बूझकर देर कर रहा हमास?

12 hours ago 1

जिन लड़ाइयों को बंद कराने का डोनाल्ड ट्रंप दावा करते रहे, उनमें एक नाम हमास और इजरायल जंग का भी है. हमास की क्रूरता और फिर इजरायली गुस्से के लिए चर्चा में रही ये लड़ाई अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में रुकी. शर्त का पहला चरण पूरा भी हुआ. लेकिन तभी आपसी हमले दोबारा शुरू हो गए. कुल मिलाकर, गाजा सीजफायर कांच से भी नाजुक दिख रहा है. हालांकि दोनों ने अभी तक जंग शुरू होने का आधिकारिक ऐलान नहीं किया, लेकिन इतना तय है कि तालाब में कंकड़ फेंका जा चुका. 

क्या अटक रहा मामला

आतंकी संगठन हमास ने कुछ रोज पहले ही सारे जीवित बंधक इजरायल के हवाले किए थे. इसके बदले में तेल अवीव ने भी काफी सारे कैदी छोड़े. लेकिन अब भी 10 से ज्यादा बंधकों के शव हमास के पास हैं. यही दोनों के बीच फसाद की वजह बनी. दरअसल तेल अवीव की तरफ से दो हजार कैदी और लगभग दो सौ मृतक लौटाए गए. बदले में हमास ने 20 बंधकों को लौटाया. लेकिन कुल 28 मृत बंधकों में से वो अब तक 15 शव ही लौटा सका है.

इजरायल के लिए ये बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दा है. इतिहास देखें तो भी पता लगता है कि वे अपने एक-एक नागरिक या सैनिक के मृत शरीर के लिए पूरे-पूरे देश से लड़ गए. वे मानते हैं कि जब तक सही तरीके से अंतिम संस्कार न हो, आत्मा शांत नहीं होती है. हमास से लड़ाई में दो साल बीत गए. अब जो शव लौटाए जा रहे हैं, उनकी पहचान भी ठीक से नहीं हो पा रही, ऐसे में उनकी अंतिम क्रिया कैसे हो, यह बड़ी समस्या है. 

israel hamas strikes despite ceasefire agreement (Photo- AP)इजरायली नागरिक शव लौटाने में देरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. (Photo- AP)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर शव बेहद बुरी तरह से खराब हो चुके थे, और उनपर कोई लेवल भी नहीं लगा था. यहां तक कि कई लोगों की लाशें किस्तों में लौटाई जा रही हैं. ये बात तेल अवीव का सब्र तोड़ रही है. उसका आरोप है कि हमास दिखावा कर रहा है कि उसे बंधकों के शव कहां रखे हैं, इसकी जानकारी नहीं. 

हमास इन आरोपों से साफ इनकार कर रहा है. उसका कहना है कि बंधकों के मृत शरीर खोजने के लिए भारी उपकरणों की जरूरत है ताकि मलबे हटाए जा सकें. उसने पलटवार करते हुए कहा कि इजरायली बमबारी में ही बंधकों की मौत हुई और वे इमारतों के मलबों ने नीचे दब गए. 

बकौल हमास, वो पूरी कोशिश कर रहा है कि मृत बंधक रिकवर किए जा सकें. इजरायल को थोड़ा सब्र रखना चाहिए और हमले बंद कर देने चाहिए.  हालांकि हमास भले ही गुडी-गुडी प्ले करे लेकिन सच तो ये है कि वो खुद भी लगातार आक्रामक है. सीजफायर के बाद कुछ दिन चुप्पी रही, उसके बाद से खबरें आने लगीं कि हमास सत्ता में बने रहने की जी-तोड़ कोशिश में है, जबकि सीजफायर की एक शर्त ये भी है कि हमास गाजा पट्टी से राजनीतिक दूरी बना ले. 

israeli hostages kept by hamas search (Photo- AP)हमास का कहना है कि काफी शव मलबे के नीचे दबे हुए हैं जिनकी खोज के लिए उन्हें समय चाहिए. (Photo- AP)

बीच-बचाव कर रही पार्टी यानी डोनाल्ड ट्रंप दोबारा पिक्चर में आए. उन्होंने हमास पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर हमास हमले बंद न करे तो इजरायल का भी पूरा अधिकार है कि वो जवाब दे. आगे उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि हमास अगर ढंग से न रहे तो उसे नष्ट कर दिया जाएगा. 

तो क्या सीजफायर अब भी कायम है

10 अक्तूबर को युद्धविराम हुआ. इसके बाद कुछ दिन शांति रही. अब पिछले कुछ रोज से दोतरफा हमले हो रहे हैं. हालांकि दोनों ही पक्षों ने सीजफायर टूटने की आधिकारिक घोषणा नहीं की, यानी ये टूटा नहीं है. दरअसल सीजफायर अगर लिखित समझौते से हुआ हो, तो उसका खत्म होना भी औपचारिक रूप से घोषित किया जाता है.

आगे क्या हो सकता है 

अमेरिका के अलावा मिस्र और कतर जैसे देश बीच-बचाव कर रहे हैं, ताकि दोनों फिर से बातचीत की मेज़ पर आएं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो मानवीय संकट और बढ़ सकता है. हो सकता है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव से दोनों दोबारा चुप लगा जाएं. अगर यह नहीं हुआ तो सीमित स्तर पर लड़ाई और लंबे समय तक खिंच सकती है, जबकि आधिकारिक तौर पर युद्धविराम बना रहेगा. 

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