दिल्ली में इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़, 27 करोड़ की 'हाइड्रोपोनिक मारिजुआना' बरामद

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दिल्ली पुलिस ने एक इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया है. ये कार्टेल भारत से थाईलैंड और यूएई तक फैला हुआ था. इस नेटवर्क के तार सीधे कस्टम विभाग से जुड़े निकले हैं. पुलिस ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स के एक पूर्व इंस्पेक्टर रोहित कुमार शर्मा (35) को गिरफ्तार किया है. उसके पास से 21 किलो हाई-ग्रेड हाइड्रोपोनिक मारिजुआना बरामद किया गया. उसकी मार्केट वैल्यू करीब 27 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) संजीव कुमार यादव के मुताबिक, पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जनकपुरी इलाके में बड़ी ड्रग डिलीवरी होने वाली है. सूचना पुख्ता लगने पर पुलिस ने 13 और 14 अक्टूबर की दरमियानी रात को जनक सिनेमा के पास जाल बिछाया. देर रात एक शख्स कार में ड्रग की खेप लेकर पहुंचा. उसकी पहचान रोहित कुमार शर्मा के रूप में हुई, जो खुद को 'कस्टम्स अफसर' बताकर बच निकलता था.

पुलिस ने जैसे ही उसे रोका और सर्च किया, उसके पास से ओशन ग्रोन वीड यानी हाइड्रोपोनिक मारिजुआना की भारी खेप बरामद हुई. पुलिस ने उसके पास से 44.42 लाख रुपए कैश, एक कार और एक स्कूटर भी जब्त किया है. पुलिस की जांच में पता चला कि जब्त की गई ड्रग कोई आम भांग नहीं थी. यह एक हाई-एंड, साइंटिफिकली ग्रोन वैरायटी है. इसे हाइड्रोपोनिक मारिजुआना कहा जाता है. इसे मिट्टी में नहीं, बल्कि पानी में न्यूट्रिएंट्स के साथ उगाया जाता है.

पुलिस ने बताया कि इसमें टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल की मात्रा सामान्य भांग की तुलना में 10 गुना अधिक होती है. यही वजह है कि यह पार्टी सर्कल्स और हाई-प्रोफाइल यूजर्स के बीच बेहद लोकप्रिय है. इस तरह की ड्रग्स को अक्सर थाईलैंड से इंटरनेशनल कूरियर रूट्स के जरिए भारत में लाया जाता है. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी रोहित कुमार शर्मा इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक है. वो 2015 में सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर भर्ती हुआ था.

साल 2019 में उसकी जिंदगी ने खतरनाक मोड़ लिया, जब वह केरल के कन्नूर एयरपोर्ट पर पोस्टिंग के दौरान सोने की स्मगलिंग के केस में गिरफ्तार हुआ. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने उस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. इसी मामले के बाद उसके खिलाफ डिपार्टमेंटल जांच शुरू हुई. साल 2023 में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. नौकरी जाने के बाद वो भारत से दुबई चला गया, जहां उसकी मुलाकात बिहार के अभिषेक से हुई. 

यहीं से शुरू हुआ एक नया खेल. दोनों ने मिलकर थाईलैंड से भारत में हाइड्रोपोनिक मारिजुआना इम्पोर्ट करने की साजिश रची. ड्रग्स को लाने के लिए उन्होंने गुवाहाटी एयरपोर्ट्स को चुना ताकि जांच एजेंसियों की नजर से बच सकें. रोहित शर्मा ने इस काम में अपने पुराने कस्टम्स कॉन्टैक्ट्स का भरपूर इस्तेमाल किया. पुलिस का कहना है कि पूरे नेटवर्क का वित्तीय सिस्टम भी बेहद एडवांस था. ड्रग्स से मिले को हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दुबई भेजा जाता था. 

डीसीपी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के बाद कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. पुलिस अब उसके साथियों और विदेशी सप्लायर्स की तलाश में जुटी है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह गिरोह हाई-प्रोफाइल पार्टी सर्कल्स और ऑनलाइन डार्कनेट प्लेटफॉर्म्स के जरिए ड्रग्स बेचने का नेटवर्क चला रहा था. फिलहाल आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं.

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