आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में भूकंप और भूस्खलन का सबसे ज्यादा खतरा है. 2013 की केदारनाथ आपदा और हालिया घटनाओं के बाद सरकार ने सभी एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा है और राहत-बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं.
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4 जिले रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी डेंजर जोन में हैं. (File Photo: ITG)
आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने उत्तराखंड में भूकंप और भूस्खलन को लेकर पहली बार जिला-वार अध्ययन रिपोर्ट जारी की है, जिसमें राज्य की संवेदनशीलता को लेकर गंभीर संकेत मिले हैं. रिपोर्ट के अनुसार, रुद्रप्रयाग को सबसे अधिक संवेदनशील जिला घोषित किया गया है, जबकि पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी भी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी भूगोल, नाजुक पर्वतीय ढलान और मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण इन क्षेत्रों में आपदा का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
सबसे ज्यादा खतरे की आशंका
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और भूकंप के समय मिट्टी की नमी व ढलानों का असंतुलन बड़े खतरे का कारण बन सकता है. अध्ययन में ‘पीक ग्राउंड एक्सेलेरेशन’ (PGA) के विभिन्न परिदृश्यों के आधार पर आकलन किया गया है, जिसके मुताबिक भूकंपजनित भूस्खलन की आशंका स्थायी भूस्खलन की तुलना में कहीं अधिक पाई गई. इस लिहाज से रुद्रप्रयाग सबसे अधिक प्रभावित जिला माना गया है, वहीं पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी में भी बड़े पैमाने पर नुकसान की संभावना जताई गई है.
2013 की आपदा नहीं भूलते लोग
राज्य में हर साल मानसून के दौरान भूस्खलन की घटनाओं में तेजी आती है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, वर्ष 2023 में दो सौ से अधिक भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें कई सड़कों पर यातायात बाधित हुआ और दर्जनों लोगों की मौत हुई. 2013 की केदारनाथ आपदा पहले ही दिखा चुकी है कि इन इलाकों में प्राकृतिक आपदाएं किस तरह बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकती हैं.
सरकार ने एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा
रिपोर्ट सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी आपदा की स्थिति में प्रभावितों को हर संभव मदद देगी. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और पुलिस को राहत-बचाव कार्यों के लिए हर वक्त तैयार रहने के निर्देश भी दिए.
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