क्या आप जानते हैं कि समुद्र के नीचे ताजा पानी छिपा हो सकता है? हाल ही में, अमेरिका के केप कॉड के पास वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है जो दुनिया की पानी की कमी को दूर कर सकती है. Photos: AP
एक्सपेडिशन 501 नामक इस मिशन ने समुद्र तल के नीचे ताजा पानी के विशाल भंडार की खोज की, जो न्यू जर्सी से मेन तक फैला हो सकता है. लगभग 50 साल पहले, अमेरिकी सरकार का एक जहाज खनिज और तेल की खोज में समुद्र तल पर ड्रिलिंग कर रहा था. उसे तेल नहीं, बल्कि ताजा पानी मिला. Photos: AP
इस बार 2025 में एक्सपेडिशन 501 ने इस रहस्य को और गहराई से खोजा. यह $25 मिलियन (लगभग 2100 करोड़ रुपये) का प्रोजेक्ट है, जिसमें अमेरिका, यूरोप और कई देशों के वैज्ञानिक शामिल हैं.वैज्ञानिकों ने लिफ्टबोट रॉबर्ट नामक जहाज से केप कॉड के पास समुद्र में 400 मीटर तक ड्रिलिंग की. Photos: AP
उन्होंने हजारों सैंपल इकट्ठे किए, जिनमें ताजा या लगभग ताजा पानी मिला. यह पानी न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहर की 800 साल की जरूरत पूरी कर सकता है. यह भंडार उससे भी बड़ा हो सकता है. दुनिया में ताजे पानी की कमी बढ़ रही है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2030 तक पानी की मांग आपूर्ति से 40% ज्यादा होगी. Photos: AP
जलवायु परिवर्तन से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, जिससे तटीय इलाकों का ताजा पानी खारा हो रहा है. डेटा सेंटर्स, जो AI और क्लाउड कंप्यूटिंग चलाते हैं, भारी मात्रा में पानी खींच रहे हैं. वर्जीनिया में 25% बिजली डेटा सेंटर्स के लिए जाती है, जो 5 साल में दोगुनी हो जाएगी. एक मध्यम आकार का डेटा सेंटर 1000 घरों जितना पानी पीता है. Photos: AP
2018 में दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में 50 लाख लोगों को पानी की भयंकर कमी का सामना करना पड़ा. ऐसे में समुद्र के नीचे ताजा पानी का भंडार एक उम्मीद की किरण है. यह सिर्फ अमेरिका में नहीं, बल्कि कनाडा, हवाई, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे कई तटीय क्षेत्रों में भी हो सकता है. Photos: AP
एक्सपेडिशन 501 को अमेरिका की नेशनल साइंस फाउंडेशन और यूरोपियन कंसोर्टियम फॉर ओशन रिसर्च ड्रिलिंग ने फंड किया. यह मिशन 3 महीने तक चला, जिसमें लिफ्टबोट रॉबर्ट नामक जहाज का इस्तेमाल हुआ. यह जहाज समुद्र तल पर तीन बड़े खंभों पर टिका रहता है. आमतौर पर तेल या विंड फार्म के लिए काम करता है. Photos: AP
वैज्ञानिकों ने 400 मीटर गहराई तक ड्रिल करके 50,000 लीटर पानी के सैंपल लिए. यह पानी ग्लेशियर्स से आया हो सकता है या जमीन के भूजल सिस्टम से जुड़ा हो सकता है. अब ये सैंपल दुनिया भर की लैब्स में जांचे जाएंगे ताकि इसके मूल और गुणवत्ता का पता लगाया जा सके. Photos: AP
2015 में वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन और लैमॉन्ट-डोहर्टी अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक टेक्नोलॉजी से इस भंडार का नक्शा बनाया था. तब अनुमान था कि यह अमेरिका के सबसे बड़े ओगलाला एक्विफर जितना बड़ा हो सकता है, जो 8 राज्यों को पानी देता है. Photos: AP
समुद्र के नीचे से पानी निकालना महंगा और जटिल है. इसके लिए खास तकनीक और बड़े निवेश की जरूरत है.वैज्ञानिक रॉब इवांस कहते हैं कि पानी निकालने से तटीय भूजल कम हो सकता है. समुद्र तल से निकलने वाला पानी समुद्री जीवों के लिए जरूरी पोषक तत्व देता है, जो प्रभावित हो सकता है. Photos: AP
ब्रैंडन दुगान इस मिशन के सह-प्रमुख वैज्ञानिक कहते हैं कि हमें समाज के लिए हर संभव पानी का स्रोत ढूंढना होगा. यह खोज सूखे या तूफान से बर्बाद हुए तटीय पानी के लिए एक बैकअप हो सकती है. Photos: AP