डिजिटल की दुनिया में AI ने नए आयाम खोल दिए हैं. एक तरफ जहां इंटरनेट इको-सिस्टम में क्रांति आ गई है, बड़े मुश्किल काम आसान हो गए हैं तो वहीं पारंपरिक नौकरियों के लिए खतरे की घंटी बज गई है. ऐसे में आने वाले दिनों में लड़ाई ना सिर्फ नौकरियों को बचाने की होगी बल्कि नए हुनर, स्किल्स और हुनरमंद की पूछ भी ज्यादा होगी. इस उतार-चढ़ाव में वही बचेगा और आगे बढ़ेगा जिसके पास स्किल्स होंगे, जो समय के साथ बदलेगा. इसी तर्ज पर पारंपरिक पढ़ाई और डिग्री से आगे जाकर ओडिशा में सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (CUTM) स्टूडेंट्स को स्किल्स समझाने पर ज्यादा फोकस कर रही है.
एपीकल्चर से लेकर, ह्यूमन लर्निंग में माहिर
यूनिवर्सिटी के भुवनेश्वर कैंपस में बातचीत के दौरान फाउंडर और प्रेसिडेंट प्रो. मुक्तिकांत मिश्रा ने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ डिग्री देना नहीं है. हमारा जोर स्टूडेंट्स को स्किल्स सिखाने पर होता है. उन्होंने कहा कि सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं बल्कि स्किल्स से जुड़े सभी प्लेटफॉर्म पर हम नई तकनीकी के जरिए पढ़ाई करा रहे हैं ताकि लोग आत्मनिर्भर बनें. कैंपस के पॉलिनेटर्स पैराडाइज में पॉलिनेशन के जरिए स्टूडेंट्स खूब प्रयोग करते हैं. यहां मधुमक्खी पालन से लेकर पेड़-पौधे, पंक्षियों, जानवरों में क्रास-बीड के जरिए नई प्रजाति के नस्ल पैदा की जा रही है. एग्जाम से ज्यादा फोकस ह्यूमन लर्निंग पर है. उन्होंने कहा- सेंचुरियन का पहला और सबसे बड़ा कैंपस परलाखेमुंडी में है जो कभी नक्सलवादी इलाका था. वहां हमने आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए कई प्रोजेक्ट्स लेकर आए और आज कई ग्रुप सफलता से अपनी इंडस्ट्री चला रहे हैं. किसानी से लेकर कपड़ा उद्योग, वेस्ट मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मर जैसे इंडस्ट्री और मार्केट डिमांड वाले कोर्स पर हमारा फोकस ज्यादा है. हम इकोसिस्टम बेस्ड एजुकेशन चाहते हैं जो कि आपको आत्मनिर्भर बनाए. यहां स्टूडेंट्स डीआरडीओ, इसरो से मिले प्रोजेक्ट्स में शामिल होते हैं.
AI के नए बदलाव पर फोकस
यूनिवर्सिटी के को-फाउंडर और वाइस-प्रेसिडेंट प्रो. डीएन राव ने कहा कि AI की दुनिया में रोज तकनीकी बदल रही है. अब डिजिटल की दुनिया क्वांटम कम्युनिकेशन की तरफ बढ़ रही है. आने वाले दिनों में अगर पेमेंट, फाइनेंशियल संस्थानों को बड़े साइबर फ्रॉड से बचना है तो फोटोनिक्स (photonics) के इस्तेमाल पर जोर देना होगा. इससे डेटा हैंकिंग से बचा जा सकेगा. 2030 तक क्वांटम कम्युनिकेशन बड़े बदलाव लेकर आएगा और हम इसके लिए तैयार हैं. CUTM में हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. जल्द ही हम इससे संबंधित लैब स्थापित करने की प्लानिंग कर रहे हैं.
यूपी पुलिस से फॉरेंसिक लैब के लिए हाल में ही समझौता हुआ है. यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. सुप्रिया पटनायक ने बताया कि हाल में ही हमने यूपी पुलिस के साथ फॉरेंसिक लैब टेस्टिंग के लिए एक एमओयू साइन किया है. बैच में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स लखनऊ जाकर यूपी पुलिस के सा काम करेंगे. सबूतों के कलेक्शन से लेकर टेस्टिंग तक पुलिस के साथ सहयोग करेंगे. इससे उनका प्रैक्टिकल नॉलेज ठीक होगा.
वाइस चांसलर ने बताया कि ओडिशा में हाथियों का कॉरिडोर है. पटरी पर ट्रेन की चपेट में आने से हाथियों के मौत के मामले सामने आते रहते हैं, इसे रोकने के लिए यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मशीन लर्निंग के जरिए डिवाइस बनाई है. हम रेलवे से बातचीत कर रहे हैं, समझौता होने पर ऐसे डिवाइसों को एलिफेंट कॉरिडोर में लगाया जा सकता है. एडमिशन-मार्केटिंग डायरेक्टर सुकांत परिदा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में 80 से ज्यादा कोर्स हैं. CUTM को देश की लार्जेस्ट स्किल्स यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल चुका है. ओडिशा में फिलहाल 6 कैंपस ऑपरेटेड हैं.
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