Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में दृश्यमान होगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा और कुंभ राशि और पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा. खगोलविदों के अनुसार, चंद्र ग्रहण पृथ्वी की स्थिति के कारण होता है. पृथ्वी जब वह सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है और सूर्य की रोशनी को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है. आइए जानते हैं कि साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का देश और दुनिया की भौगोलिक स्थिति पर कैसा प्रभाव रहने वाला है.
चंद्र ग्रहण का भारत की भौगोलिक स्थिति पर प्रभाव
ज्योतिषविद राजकुमार शास्त्री के मुताबिक, जब भी किसी पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगता है तो वह ज्योतिष के नजरिए से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. पूर्णिमा तिथि पर राहु-चंद्रमा का योग चंद्र ग्रहण की स्थिति को पैदा करता है. जैसा कि सूर्य सिद्धांत में भी वर्णित है. जब भी ऐसी ग्रहों की स्थिति का निर्माण होता है तो प्राकृतिक आपदाओं की प्रबल संभावनाएं रहती हैं.
चंद्र ग्रहण के कारण जल सैलाब का सबसे अधिक प्रकोप रहता है, क्योंकि चंद्रमा जल का कारक होता है. ऐसे में बाढ़, भारी वर्षा या जल सैलाब का खतरा अधिक देखने को मिलता है. पहाड़ों में विशेष रूप से इसका प्रकोप देखने को मिलेगा, क्योंकि चंद्रमा वनस्पतियों का भी स्वामी है. इसलिए, पहाड़ी क्षेत्रों में इस प्रकार की आपदाएं ज्यादा घटित होती नजर आएंगी.
इन प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव जनमानस और पशुओं दोनों पर देखने को मिलता है. समाज की स्थिति हर नजरिए से खतरे में दिखती है. हाल ही में हमने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन देखा. इसके अलावा, वैष्णो देवी में बाढ़ और भूस्खलन की घटना हुई. धराली में बादल फटने से बाढ़ ने कहर मचा दिया. फिर लगातार भारी बारिश के चलते पंजाब के कई बड़े शहर पानी में डूब गए.
चंद्र ग्रहण से किन लोगों को रहना होगा सावधान?
7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण शतभिषा नक्षत्र के अंतिम चरण और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में लग रहा है. जिन लोगों का शतभिषा नक्षत्र में जन्म हुआ या जिनकी चंद्रमा की महादशा चल रही है या पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में जिनका जन्म हुआ है, उन्हें सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
चंद्र ग्रहण के सूतक काल की टाइमिंग (Chandra Grahan 2025 Sutak Kaal Timing)
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से लग जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में भोजन खाना, सोना और पूजा-पाठ वर्जित माना जाता है. लेकिन, ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है.
चंद्र ग्रहण की अवधि (Chandra Grahan 2025 Timings In India)
भारतीय समयानुसार, 7 सितंबर को साल का आखिरी चंद्रग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगा, जिसका समापन 8 सितंबर की अर्धरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा. ज्योतिषियों की मानें तो, 7 सितंबर को दिखने वाला चंद्र ग्रहण एकदम लाल दिखेगा, जिसे ब्लड मून (Blood Moon) के नाम से भी जाना जाता है.
चंद्र ग्रहण का पहला स्पर्श रात 8 बजकर 59 मिनट पर होगा और इस ग्रहण के अंतिम स्पर्श रात 2 बजकर 24 मिनट पर होगा. यानी भारत में संपूर्ण ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की रहेगी. अगर चंद्र ग्रहण के सबसे महत्वपूर्ण और पीक टाइमिंग की बात की जाए तो ये रात 11 बजकर 42 मिनट पर अपने चरम पर होगा.
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