अहमदाबाद के मेमनगर में स्थित एचबीके स्कूल में तीन दिवसीय FutureFit Expo शुरू हुआ है. स्कूल के बच्चों द्वारा ही 150 से अधिक चार्ट बनाकर एक्सपो में रखें गए हैं. बच्चे एक-दूसरे को जागरूक कर रहे हैं. बच्चों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना, इसे लेकर पहलीं और दूसरी कक्षा के छात्रों ने पोशाक पहने हैं.
X
चीनी के अधिक सेवन से होने वाले नुकसानों को बताने के लिए अहमदाबाद में सेमिनार आयोजित किया गया है. (Photo: Pixabay)
CBSE ने चीनी के सेवन को लेकर एक मार्गदर्शिका जारी करते हुए स्कूलों को “शुगर बोर्ड” लगाने के आदेश दिए हैं, जिसमें विद्यार्थियों को चीनी के अधिक सेवन से होने वाले खतरों के बारें में जानकारी देनी होगी. अब इसे लेकर स्कूल स्तर पर सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा.
अहमदाबाद के मेमनगर में स्थित एचबीके स्कूल में तीन दिवसीय FutureFit Expo शुरू हुआ है. स्कूल के बच्चों द्वारा ही 150 से अधिक चार्ट बनाकर एक्सपो में रखें गए हैं. बच्चे एक-दूसरे को जागरूक कर रहे हैं. बच्चों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना, इसे लेकर पहलीं और दूसरी कक्षा के छात्रों ने पोशाक पहने हैं.
तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों ने ड्रिंक्स की जगह क्या सेवन करना चाहिए उसे लेकर चार्ट बनाए हैं. छठी से आठवीं के बच्चों ने किस पदार्थ में कितनी शुगर की कितनी मात्रा होनी चाहिए, इसे लेकर प्रदर्शित करने वाले चार्ट बनाए हैं. सातवीं से नौवीं के बच्चों ने आरोग्य अभियान और सूत्र लिखे बोर्ड बनाए हैं. इस एक्सपो के माध्यम से बच्चों को ही नहीं बल्कि अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है.
बता दें के, एक सर्वे के मुताबिक 4 से 10 साल की आयु के बच्चों के दैनिक कैलोरी सेवन में 13 प्रतिशत, 11 से 18 आयु के विद्यार्थियों में 15 प्रतिशत जितनी चीनी का सेवन पाया जा रह है. जबकि चीनी का सेवन मात्र 5 प्रतिशत होना चाहिए. बच्चों में ज़रूरत से अधिक चीनी का दैनिक सेवन देखने को मिल रहा है.
वर्तमान में, छोटे बच्चों में चॉकलेट और चीनी के अलावा मीठे व्यंजनों का सेवन बढ़ रहा है. देशभर में बच्चों में टाइप-2 मधुमेह के मामले भी बढ़ रहे हैं. यह चिंताजनक समय मुख्य रूप से चीनी के अत्यधिक सेवन के कारण है. चीनी के अत्यधिक सेवन से न केवल मधुमेह का खतरा बढ़ता है, बल्कि मोटापा, दांतों की समस्या और अन्य पेट संबंधी विकारों का खतरा भी बढ़ जाता है. जिसे ध्यान में रखकर बच्चों में चीनी के इस्तेमाल को कम करने के लिए स्कूल स्तर पर 'शुगर बोर्ड' लगाकर कार्यक्रम शुरू किए जा रहे है.
---- समाप्त ----