छह कलाकार, 120 कारीगर और 80 टन कचरा.... ऐसे बनी बुलंदशहर में 'अनोखी दुनिया'

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यूपी के बुलंदशहर प्रशासन ने स्वच्छता, कला और पर्यटन को जोड़ते हुए एक ऐसा अनूठा प्रयोग किया है, जो न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे देश की शान बढ़ाएगा. बुलंदशहर के खुर्जा में दुनिया का पहला सिरेमिक वेस्ट से बना पार्क तैयार किया गया है, जिसे नाम दिया गया है 'अनोखी दुनिया'. यह पार्क इस महीने के अंत तक आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. सरकार का दावा है कि यह पार्क डिज्नी वर्ल्ड और जुरासिक पार्क जैसे वैश्विक पर्यटन स्थलों को भी पीछे छोड़ सकता है.

खुर्जा की धरोहर से जन्मा एक अनोखा सपना

न्यूज एजेंसी के मुताबिक खुर्जा को सिरेमिक की राजधानी कहा जाता है. यहां के बने कप, सुराही, केतली और अन्य बर्तन न सिर्फ भारत, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान रखते हैं. अधिकारियों का कहना है कि इसी परंपरा को आधार बनाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोचा कि क्यों न इस विरासत को एक नया आयाम दिया जाए. उनकी पहल पर बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण (BDA) ने इस अनोखे पार्क का निर्माण किया.

वीसी डॉ. अंकुर लाठर बताते हैं कि यह पार्क महज़ मनोरंजन स्थल नहीं है, बल्कि यह खुर्जा की कला, परंपरा और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है. यहां आने वाले पर्यटक न सिर्फ अनोखी कलाकृतियों को देखेंगे, बल्कि शहर के स्थानीय कलाकारों और उद्योग को भी करीब से समझ पाएंगे.

वेस्ट टू आर्ट की नई परिभाषा

इस पार्क की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे 80 टन सिरेमिक वेस्ट से बनाया गया है. टूटी हुई सुराहियां, कप, प्लेट और केतलियों के टुकड़े जिन्हें अब तक बेकार माना जाता था . आज यहां कला के शानदार नमूनों में बदल गए हैं. छह कलाकारों और 120 कारीगरों की टीम ने मिलकर करीब 100 कलाकृतियां तैयार कीं. इनमें से 28 विशालकाय मूर्तियां पार्क का मुख्य आकर्षण होंगी. बड़े आकार के कप, केतली और सुराही के रूप में बनी ये कलाकृतियां बच्चों और बड़ों दोनों को मंत्रमुग्ध कर देंगी.

बच्चों के लिए गेमिंग जोन और सेल्फी पॉइंट

यह पार्क हर आयु वर्ग को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. बच्चों के लिए यहां विशेष गेमिंग ज़ोन बनाया गया है, जिसमें कप और सुराही जैसे आकारों का उपयोग किया गया है. युवाओं और परिवारों के लिए कई सेल्फी पॉइंट तैयार किए गए हैं. साथ ही, पार्क में एक आकर्षक कैफे भी होगा, जहां लोग खुर्जा की प्रसिद्ध सिरेमिक थीम पर सजावट का आनंद ले सकेंगे.

लागत और रखरखाव

'अनोखी दुनिया' पार्क पीपीपी मॉडल पर लगभग 5 करोड़ 86 लाख रुपए की लागत से तैयार हुआ है. यहां पर्यटकों के लिए न्यूनतम शुल्क रखा जाएगा, जिससे पार्क का रखरखाव और सुंदरता बनी रहे. इसके अलावा पार्क को हरा-भरा बनाए रखने के लिए बागवानी और हरियाली पर विशेष ध्यान दिया गया है.

डबल इंजन सरकार का विजन स्वच्छता और पर्यटन

डॉ. अंकुर लाठर के अनुसार, यह पार्क केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और सीएम योगी आदित्यनाथ के पर्यटन को बढ़ावा देने के विजन का भी प्रतीक है. कचरे को कला में बदलना सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ही कदम नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को सतत विकास का संदेश भी देगा.

स्थानीय उद्योग और अर्थव्यवस्था को बल

डॉ. अंकुर लाठर का कहना है कि खुर्जा में आने वाले पर्यटक पार्क का आनंद लेने के साथ-साथ यहां के स्थानीय बाजार से सिरेमिक उत्पाद भी खरीदेंगे. इससे न सिर्फ स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को रोज़गार मिलेगा बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी. यह पार्क अन्य शहरों और राज्यों के लिए भी एक मॉडल बनेगा कि किस तरह से कचरे को संसाधन में बदलकर कला और पर्यटन को एक साथ बढ़ावा दिया जा सकता है.

पर्यटन का नया केंद्र बनेगा खुर्जा

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पार्क खुलने के बाद बुलंदशहर-खुर्जा क्षेत्र देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. ठीक वैसे ही जैसे राजस्थान अपने किलों और महलों के लिए जाना जाता है या आगरा ताजमहल के लिए. ‘अनोखी दुनिया’ खुर्जा की पहचान को वैश्विक मंच तक ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा.

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