जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर कसा तंज, अर्जेंटीना के इंदिरा गांधी से संबंधों को दिलाया याद

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जयराम रमेश ने रवींद्रनाथ टैगोर की 1924 में अर्जेंटीना यात्रा का ज़िक्र किया, जहां वे मशहूर साहित्यकार विक्टोरिया ओकाम्पो के निमंत्रण पर गए थे. टैगोर और ओकाम्पो के बीच गहरी मित्रता हुई, जिसे टैगोर की जीवनी में खूब लिखा गया है. टैगोर की कविताओं का संग्रह 'पुरबी', जो 100 साल पहले प्रकाशित हुआ था, वह ओकाम्पो को समर्पित था.

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जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर तंज कसा और इंदिरा गांधी के अर्जेंटीना से संबंधों का जिक्र किया

जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर तंज कसा और इंदिरा गांधी के अर्जेंटीना से संबंधों का जिक्र किया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अर्जेंटीना दौरे को लेकर तंज कसा है. इसके लिए उन्होंने 'सुपर-प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर' शब्द का प्रयोग किया. उन्होंने X पर एक पोस्ट में न सिर्फ पीएम मोदी के विदेश दौरे की आलोचना की, बल्कि भारत और अर्जेंटीना के ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को भी याद किया. उन्होंने लिखा कि सुपर प्रीमियम फ़्रीक्वेंट फ़्लायर आज अर्जेंटीना में है, 3 खत्म हो गए हैं, 2 और आने बाकी हैं. दरअसल, पीएम मोदी 5 देशों की यात्रा पर हैं, जिसमें वह अब तक तीन देशों की यात्रा कर चुके हैं. 

टैगोर, ओकाम्पो और 'पुरबी' का जिक्र

जयराम रमेश ने रवींद्रनाथ टैगोर की 1924 में अर्जेंटीना यात्रा का ज़िक्र किया, जहां वे मशहूर साहित्यकार विक्टोरिया ओकाम्पो के निमंत्रण पर गए थे. टैगोर और ओकाम्पो के बीच गहरी मित्रता हुई, जिसे टैगोर की जीवनी में खूब लिखा गया है. टैगोर की कविताओं का संग्रह 'पुरबी', जो 100 साल पहले प्रकाशित हुआ था, वह ओकाम्पो को समर्पित था.

इंदिरा गांधी की 1968 में यात्रा और डाक टिकट का किस्सा

कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए जयराम रमेश ने आगे बताया कि दिवंगत इंदिरा गांधी ने सितंबर 1968 में ब्यूनस आयर्स में ओकाम्पो से मुलाकात की थी और उन्हें विश्व भारती विश्वविद्यालय की ओर से मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी थी. यही नहीं 1986 में अर्जेंटीना ने इंदिरा गांधी की स्मृति में डाक टिकट भी जारी किए थे.

बुद्ध से जुड़ा अर्जेंटीना का साहित्य

जयराम रमेश ने प्रसिद्ध अर्जेंटीनी लेखक जोस लुइस बोर्गेस का भी उल्लेख किया, जिनका स्पेनिश भाषा और अंतर्राष्ट्रीय साहित्य में अहम स्थान है. कांग्रेस नेता ने पोस्ट में लिखा कि 1906 में जब बोर्गेस सात साल के थे, तब बोर्गेस ने सर एडविन अर्नोल्ड की द लाइट ऑफ एशिया पढ़ी थी और इससे उन्हें बुद्ध के जीवन को और भी अधिक पढ़ने और जानने की प्रेरणा मिली. बुद्ध का प्रभाव बोर्गेस की लघु कथाओं, निबंधों, कविताओं और व्याख्यानों में साफ झलकता है. 1969 तक वे पूरी तरह अपनी आंखें खो चुके थे, लेकिन इससे उन्हें और भी अधिक प्रसिद्धि मिली. 1986 में उनकी मृत्यु से 10 साल पहले बोर्गेस की पुस्तक क्यू एस एल बुदिस्मो (बौद्ध धर्म क्या है) प्रकाशित हुई थी, जिसमें बुद्ध के प्रति उनके जीवन भर के आकर्षण को दर्शाया गया था. 6 जुलाई 1977 को बोर्गेस ने ब्यूनस आयर्स में बौद्ध धर्म पर अपना प्रसिद्ध व्याख्यान दिया, जो यूट्यूब पर अब भी मौजूद है.
 
मनमोहन सिंह और UNCTAD की याद

कांग्रेस नेता ने राउल प्रेबिश का भी उल्लेख किया, जो UNCTAD के प्रमुख और विकास अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ थे. उन्होंने याद दिलाया कि 1968 में UNCTAD का दूसरा सत्र दिल्ली में आयोजित हुआ था- यह पहली बार था जब किसी विकासशील देश ने इतना बड़ा संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया. जयराम रमेश ने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह उस समय UNCTAD में काम कर रहे थे और उनकी एक दुर्लभ पारिवारिक तस्वीर भी साझा की.

'ग्लोबल साउथ' शब्द पर भी कटाक्ष

उन्होंने  'Global South' शब्द को लेकर भी तंज कसा. एक शब्द जो प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर लगातार उपयोग करते हैं. जयराम रमेश ने लिखा कि यह अवधारणा UNCTAD से आई थी, हालांकि सबसे पहले इसका प्रयोग ब्रिटिश बैंकर ऑलिवर फ्रैंक्स ने 1960 में किया था.

मणिपुर पर पीएम मोदी की चुप्पी को लेकर आलोचना

जयराम रमेश, प्रधानमंत्री मोदी की 5 देशों की यात्रा के शुरू होने के बाद से ही उन पर लगातार निशाना साध रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस के इस रुख को दोहराया है कि मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से प्रधानमंत्री ने एक बार भी मणिपुर का दौरा नहीं किया है. प्रधानमंत्री शुक्रवार शाम (स्थानीय समय) दो दिवसीय यात्रा के लिए अर्जेंटीना पहुंचे, जो 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऐसी यात्रा है. घाना और त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पूरी करने के बाद वे लैटिन अमेरिकी देश में हैं. इसके बाद वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील और नामीबिया जाएंगे.

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