तीन महीने के इंतजार, दर्द और रिहैबिलिटेशन के बाद ऋषभ पंत अब वहीं लौटे हैं, जहां उनकी कहानी ठहर गई थी. यह सिर्फ वापसी नहीं, बल्कि अपने ही जुनून से फिर टकराने की शुरुआत है. गुरुवार से बेंगलुरु में शुरू हो रहे भारत-ए और दक्षिण अफ्रीका-ए के बीच चार दिवसीय अनऑफिशियल टेस्ट में सबकी निगाहें सिर्फ उन पर टिकी होंगी.
23 जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के दौरान लगी पैर की चोट ने उनके करियर को ठहराव दे दिया था. उसके बाद लंबे रिहैबिलिटेशन के दौर में उन्होंने सिर्फ अपने शरीर नहीं, बल्कि हौसलों को भी फिर से तैयार किया. वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज मिस करने के बाद अब यह मौका उनके लिए किसी नए सवेरे जैसा है- खुद को परखने, अपनी पुरानी लय पाने और दोबारा वही ‘पंत इफेक्ट’ लौटाने का.
बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मैदान पर होने वाले इन दो अनऑफिशियल टेस्ट मैचों में वह भारत-ए के कप्तान होंगे. यह न सिर्फ फिटनेस टेस्ट है, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा भी- उस खिलाड़ी की, जिसने कभी मैदान पर अजेय आत्मविश्वास से भरे अपने शॉट्स से दुनिया को चौंकाया था.
28 साल के पंत के लिए यह सीरीज सीनियर टीम में वापसी की सीढ़ी बन सकती है. ध्रुव जुरेल की जगह वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में उतर सकते हैं. पंत चाहेंगे कि बारिश बीच में रुकावट न बने और उन्हें मैदान पर ज्यादा से ज्यादा वक्त मिले- बल्ले और ग्लव्स दोनों के साथ.
साउथ अफ्रीका-ए की गेंदबाजी इकाई, ऑफ स्पिनर प्रेनेलन सुब्रायेन को छोड़कर, ज्यादा अनुभवी नहीं है. ऐसे में बल्लेबाजी के लिए अनुकूल यह पिच पंत के लिए आत्मविश्वास वापस लाने का आदर्श मंच साबित हो सकती है. साथ ही उन्हें विकेट के पीछे भी अपनी लय को दुरुस्त करना होगा क्योंकि आगे असली चुनौती रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव जैसे स्पिनरों के साथ तालमेल बिठाने की होगी.
इस मैच में सारांश जैन, मानव सुथार और हर्ष दुबे जैसे स्पिनरों के सामने अभ्यास का यह मौका उनके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है.
दूसरी ओर साई सुदर्शन के पास भी अपने खेल को और निखारने का अवसर होगा. वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछली सीरीज में अच्छी शुरुआत के बावजूद वह बड़ी पारी में उसे तब्दील नहीं कर पाए थे. तमिलनाडु के इस बल्लेबाज के लिए ये दो मैच अपनी जगह पक्की करने और आत्मविश्वास बढ़ाने का सुनहरा मौका हैं.
भारत-ए में खलील अहमद, अंशुल कंबोज, देवदत्त पडिक्कल, नारायण जगदीशन जैसे युवा खिलाड़ी भी शामिल हैं, जो अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं की नजरों में जगह बनाना चाहेंगे.
दक्षिण अफ्रीका ए की बात करें तो टीम जुबैर हमजा पर उम्मीदें टिकाए हुए है. लगभग दो साल बाद टेस्ट टीम में वापसी कर रहे हमजा हाल में शानदार फॉर्म में हैं.पिछले छह प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने दो शतक और दो अर्द्धशतक जड़े हैं.
टीमें इस प्रकार हैं -
भारत-ए: ऋषभ पंत (कप्तान, विकेटकीपर), आयुष म्हात्रे, एन जगदीशन (विकेटकीपर), साई सुदर्शन (उप कप्तान), देवदत्त पडिक्कल, रजत पाटीदार, हर्ष दुबे, तनुष कोटियन, मानव सुथार, खलील अहमद, गुरनूर बरार, अंशुल कंबोज, यश ठाकुर, आयुष बडोनी, सारांश जैन।
दक्षिण अफ्रीका-ए: मार्केस एकरमैन, टेम्बा बावुमा (केवल दूसरे मैच के लिए), ओकुहले सेले, जुबैर हमजा, जॉर्डन हरमन, रुबिन हरमन, रिवाल्डो मूनसामी, त्शेपो मोरेकी, मिहलाली मपोंगवाना, लेसेगो सेनोकवाने, प्रेनेलन सुब्रायेन, काइल सिमंड्स, त्सेपो नदवांडवा, जेसन स्मिथ, तियान वान वुरेन, कोडी यूसुफ.
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