2025 में भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड टैरिफ और डोनाल्ड ट्रंप के बयानों से तनाव बढ़ा है, लेकिन सैन्य साझेदारी पर इसका कोई असर नहीं पड़. अप्रैल से अब तक दोनों देशों की सेनाएं चार सफल संयुक्त अभ्यास कर चुकी हैं, जिनमें से दो अभी चल रहे हैं. अब पांचवां बड़ा अभ्यास मालाबार 2025 की तैयारी हो रही है. यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और आपदा राहत पर फोकस करता है.
भारत-अमेरिका सैन्य साझेदारी का बैकग्राउंड: ट्रेड तनाव के बावजूद मजबूत रिश्ता
2025 में ट्रेड डिप्लोमेसी मुश्किल रही, लेकिन डिफेंस पार्टनरशिप बरकरार है. अप्रैल से चार अभ्यास हो चुके हैं, जो LEMOA (लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) और COMCASA जैसे एग्रीमेंट्स पर आधारित हैं. ये अभ्यास इंटरऑपरेबिलिटी (सहयोग क्षमता), काउंटर-टेररिज्म और HADR (ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ) पर फोकस करते हैं.
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पांचवां अभ्यास मालाबार क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) का हिस्सा है, जो इंडो-पैसिफिक में डिटरेंस दिखाता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये अभ्यास ट्रेड विवादों से अलग स्ट्रैटेजिक टाई-अप हैं.
मालाबार 2025: पांचवां बड़ा अभ्यास, क्वाड नेवल ड्रिल

मालाबार 2025 क्वाड देशों का संयुक्त नौसेना अभ्यास है, जो अक्टूबर-नवंबर 2025 में अमेरिका के गुआम द्वीपों पर होगा. यह रोटेटिंग है – 2024 में भारत ने विशाखापत्तनम में होस्ट किया था.
- मुख्य फोकस: कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ऑपरेशंस, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, क्रॉस-डेक फ्लाइंग, मैरीटाइम सर्विलांस और इंडो-पैसिफिक में इंटरऑपरेबिलिटी.
- उद्देश्य: इंडियन ओशन और पैसिफिक में डिटरेंस प्रोजेक्ट, क्वाड फ्रेमवर्क में सहयोग.
- भाग लेने वाले: भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया. भारतीय नौसेना के युद्धपोत, पनडुब्बियां और एयरक्राफ्ट शामिल.
- महत्व: ट्रेड तनाव के बीच कोर इंडिया-US कोऑपरेशन दिखाता है. पिछले संस्करणों में एंटी-शिप और एयर डिफेंस पर फोकस था.
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टाइगर ट्रायम्फ 2025: चौथा संस्करण, HADR पर फोकस
टाइगर ट्रायम्फ 2025 भारत-अमेरिका का त्रि-सेवा (आर्मी, नेवी, एयर फोर्स) HADR एम्फीबियस अभ्यास था, जो अप्रैल 2025 में विशाखापत्तनम और काकीनाडा तट पर हुआ. यह 1-11 अप्रैल तक चला.

- हार्बर फेज (1-7 अप्रैल) में प्लानिंग, सी फेज में ऑपरेशंस.
- उद्देश्य: HADR ऑपरेशंस में ट्रेनिंग, इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाना. LEMOA के तहत लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज.
- भाग लेने वाले: भारतीय सेना (8 गोरखा राइफल्स), नेवी, एयर फोर्स; अमेरिकी नेवी, आर्मी, मरीन कॉर्प्स. C-130, Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर, SC से स्लिदरिंग ऑपरेशंस.
- महत्व: 2019 से शुरू, आपदा राहत में क्षमता बढ़ाता है. काकीनाडा तट पर स्टैंडऑफ और हार्ड बीचिंग प्रैक्टिस.
टैलिस्मन सैबर 2025: भारत की पहली भागीदारी, मल्टी-डोमेन ड्रिल
टैलिस्मन सैबर 2025 ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका का द्विवर्षीय अभ्यास था, जो जुलाई 2025 में ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी में हुआ. 35,000+ सैनिक, 19 देश शामिल, भारत पहली बार भागीदार.

- उद्देश्य: कॉम्बैट रेडीनेस, रीजनल पार्टनरशिप्स. लाइव-फायर, एम्फीबियस अटैक, एयर कॉम्बैट.
- भाग लेने वाले: अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत, अन्य 17 देश. भारतीय सेना, नेवी, एयर फोर्स के यूनिट्स.
- महत्व: मल्टी-डोमेन (लैंड, सी, एयर) अभ्यास, इंडो-पैसिफिक में सहयोग. भारत की एंट्री से क्वाड जैसी टाई-अप मजबूत.
ब्राइट स्टार 2025: मल्टीलेटरल ट्राई-सर्विस, मिस्र में
ब्राइट स्टार 2025 मिस्र-अमेरिका का द्विवर्षीय मल्टीलेटरल ट्राई-सर्विस अभ्यास था, जो 28 अगस्त से 10 सितंबर 2025 तक मिस्र में चला. 700+ भारतीय सैनिक शामिल.

- उद्देश्य: लाइव फायरिंग, कमांड पोस्ट एक्सरसाइज, जॉइंट प्लानिंग. आधुनिक युद्ध के एस्पेक्ट्स पर शॉर्ट ट्रेनिंग.
- भाग लेने वाले: भारत, अमेरिका, मिस्र, अन्य देश. भारतीय आर्मी, नेवी, एयर फोर्स; HQ IDS.
- महत्व: रीजनल पीस, इंटरऑपरेबिलिटी. 2023 संस्करण के बाद सबसे बड़ा, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट इंटरैक्शंस.
युद्ध अभ्यास 2025: 21वां संस्करण, अलास्का में
युद्ध अभ्यास 2025 1-14 सितंबर 2025 को अलास्का के फोर्ट वेनराइट में हो रहा है. मद्रास रेजिमेंट का बटालियन अमेरिकी 11वीं एयरबोर्न डिवीजन के साथ.

- उद्देश्य: हेलिबोर्न ऑपरेशंस, UAS/काउंटर-UAS, माउंटेन वॉरफेयर, कैजुअल्टी इवैक्यूएशन, आर्टिलरी-एविएशन-इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर का इंटीग्रेशन. लाइव-फायर और हाई-एल्टीट्यूड सिनेरियोज.
- भाग लेने वाले: 400+ भारतीय सैनिक (मद्रास रेजिमेंट), अमेरिकी बॉबकैट्स (1st बटालियन, 5th इन्फैंट्री).
- महत्व: UN पीसकीपिंग और मल्टी-डोमेन चैलेंजेस के लिए. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला, सब्जेक्ट एक्सपर्ट ग्रुप्स पर फोकस. 2004 से सालाना, अब तक का सबसे बड़ा.
सैन्य सहयोग ट्रेड से अलग, मजबूत भविष्यट्रेड फ्रिक्शंस के बावजूद, ये अभ्यास भारत-अमेरिका की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप दिखाते हैं. मालाबार से युद्ध अभ्यास तक, ये इंटरऑपरेबिलिटी और रीजनल सिक्योरिटी बढ़ाते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि यह क्वाड और इंडो-पैसिफिक में डिटरेंस का काम करता है.
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