अमेरिका में पैरवी करने के लिए भारत की तरफ से नियुक्त पॉलिटिकल लॉबिस्ट जेसन मिलर ने ट्रेड और टैरिफ पर वॉशिंगटन से तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के कुछ अधिकारियों से मुलाकात की है. मिलर SHW पार्टनर्स एलएलसी के प्रमुख हैं, जिसे भारतीय दूतावास ने अप्रैल में कथित तौर पर एक साल के लिए 1.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर में नियुक्त किया था.
ट्रंप के साथ पोस्ट की तस्वीर
मिलर ने ट्रंप और अन्य अधिकारियों के साथ अपनी बैठक का मकसद तो नहीं बताया, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ वाली एक तस्वीर सहित कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं. उन्होंने पोस्ट किया, 'वॉशिंगटन में बहुत ही शानदार सप्ताह रहा, जहां बहुत सारे दोस्त शहर में थे, और सबसे बढ़िया बात यह रही कि हमें यहां रुकने और अपने राष्ट्रपति को काम करते हुए देखने का मौका मिला! अच्छा काम करते रहिए, @POTUS @realDonaldTrump'
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ट्रंप की तरफ से भारतीय सामानों पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देने के बाद, नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई है. अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी लगाया है, जो इस 50 फीसदी टैरिफ में शामिल है. भारत ने अमेरिकी एक्शन को गलत और अविवेकपूर्ण बताया है.
ट्रंप ने दिए भारत से सुलह के संकेत
हालांकि, संबंधों में आई इस गिरावट को रोकने की कोशिशों के संकेत मिले हैं, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को भारत-अमेरिका संबंधों को खास बताया और कहा कि वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त रहेंगे. ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं, वह महान हैं. मैं हमेशा उनका दोस्त रहूंगा, लेकिन मुझे वह पसंद नहीं है जो वह (मोदी) इस समय कर रहे हैं.'
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उन्होंने कहा, 'लेकिन भारत और अमेरिका के बीच खास रिश्ते हैं. इसमें चिंता की कोई बात नहीं है.' प्रधानमंत्री मोदी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की गहराई से सराहना करता हूं और उनका पूरा समर्थन करता हूं.' उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'भारत और अमेरिका के बीच बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है.'
कौन हैं जेसन मिलर?
जेसन मिलर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का 'दिमाग' कहा जाता है. वह 2016 और 2020 के चुनावी कैंपेन में ट्रंप के रणनीतिकार रहे हैं. मिलर अमेरिका में भारत के लिए कूटनीति, पब्लिक रिलेशंस और नीति निर्माण में मदद करेंगे. भारत ने अमेरिका में लॉबिंग के लिए मिलर को इसलिए चुना क्योंकि वह राष्ट्रपति ट्रंप के नजरिए को बारीकी से समझते हैं और वॉशिंगटन के पावर कॉरिडोर में उनकी गहरी पहुंच है.
मिलर की नियुक्ति से भारत का मकसद कश्मीर मसले पर अमेरिका में अपना पक्ष मज़बूती से रखना और ट्रेड डील के लिहाज से अनुकूल माहौल तैयार करना है. ट्रंप से मिलर की हालिया मुलाकात से ऐसे संकेत हैं कि उन्होंने टैरिफ को लेकर भारत की शिकायतों को अमेरिकी राष्ट्रपति तक पहुंचाया है. ट्रंप के ताजा बयानों से इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भारत के साथ सुलह करने के लिए तैयार हैं.
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