दिल्ली पुलिस ने राजधानी और आसपास के राज्यों में सक्रिय एक बड़े ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस कार्रवाई में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 17.80 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त की गई है. ये सिंडिकेट लंबे समय से हाई क्वालिटी स्मैक की सप्लाई कर रहा था. नशे की इस सप्लाई चेन में इस्तेमाल की गई एक कार और स्कूटर को भी जब्त कर लिया गया है.
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) संजीव कुमार यादव ने बताया कि इस ड्रग कार्टेल के खिलाफ ऑपरेशन की शुरुआत 28 जून से शुरू की गई थी. उस दिन रोहिणी इलाके से 24 वर्षीय गौरव को पकड़ा गया था. तलाशी में उसके पास से 1.4 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई थी. गौरव से पूछताछ के बाद पुलिस की जांच आगे बढ़ी. उसने कुबूल किया कि वो वंश पोपट नाम के एक व्यक्ति से हेरोइन खरीदता है.
इसी सुराग के आधार पर 2 सितंबर को पुलिस ने दिल्ली से 19 वर्षीय वंश पोपट को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से 26 ग्राम हेरोइन बरामद की गई. उसने पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा किया. उसने बताया कि असली सप्लायर उत्तर प्रदेश का रहने वाला 26 वर्षीय अरसलाम खान उर्फ दानिश है. इस इनपुट पर 6 सितंबर को पुलिस टीम ने रामपुर के पास जाल बिछाया. दानिश की कार को रोक लिया.
🚨 💊 BIG NARCOTICS BUST BY ANTF, CRIME BRANCH, DELHI 💊🚨
In line with the Nasha Mukth Bharat Abhiyan, ANTF, Crime Branch cracks down on a highly organized interstate drug cartel!
🔹 2 key members arrested
🔹 Smack worth ₹17.80 CR seized
🔹 I-20 car & scooty used for… pic.twitter.com/lR69b1VA2D
डीसीपी ने बताया कि तलाशी के दौरान दानिश की कार से 2.1 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है. गौरव स्कूल छोड़ने के बाद पहले अवैध शराब का धंधा करता था, लेकिन फिर उसने नशे की दुनिया में कदम रख लिया. वहीं वंश पोपट पहले बेरोजगार था. उसने शुरुआती दौर में मंगोलपुरी और सुल्तानपुरी के पार्कों में स्मैक के छोटे पैकेट बेचना शुरू किया था. इसके बाद वह सीधे दानिश से जुड़ गया.
दानिश की कहानी भी चौंकाने वाली है. वह एक बाइक मैकेनिक था, लेकिन जल्दी मुनाफा कमाने के चक्कर में दो साल पहले नशे की तस्करी में उतर आया. यही शॉर्टकट उसे सीधे पुलिस के हत्थे चढ़ा गया. पुलिस के मुताबिक यह कार्टेल बेहद संगठित ढंग से काम करता था. हाई-क्वालिटी स्मैक को कार और स्कूटर जैसों वाहनों में छिपाकर दिल्ली और आसपास के राज्यों में सप्लाई करता था.
इस ऑपरेशन के लिए एक स्पेशल टीम गठित की गई थी. एसीपी राज कुमार (एएनटीएफ) की देखरेख में इस टीम में इंस्पेक्टर विकास पन्नू, एसआई अमरेंद्र, एएसआई योगेंद्र, एएसआई मुकेश, एचसी अमित, हेड कांस्टेबल महिपाल, अनुज, रोहिताश और कांस्टेबल हरीश शामिल थे. इस टीम ने दिल्ली से उत्तर प्रदेश तक लगातार छापेमारी के बाद इस ड्रग कार्टेल के पर्दाफाश का काम किया है.
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