दिवाली-एनसीआर की रात जब दिल्ली की हवा ज़हरीली हो चुकी थी, उस वक्त केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 28 मॉनिटरिंग स्टेशन बंद पड़े थे. यह बात सामने निकलकर आई है कि 39 में से सिर्फ 11 स्टेशन ही दिवाली की रात से अगली सुबह तक डेटा रिकॉर्ड कर रहे थे,जिससे राजधानी के वास्तविक प्रदूषण स्तर पर सवाल खड़े हो गए हैं.
आजतक ने 20 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक के 48 घंटे का CPCB डेटा एक्सेस किया और पाया कि आधी रात के बाद से लेकर सुबह 5 बजे तक कई इलाकों का प्रदूषण रिकॉर्ड ही नहीं हुआ.लगभग सभी स्टेशनों पर रात 12 बजे से सुबह 5 बजे के बीच डेटा गैप देखने को मिला.
यह वही समय था जब शहर की हवा “Hazardous” यानी गंभीरतम श्रेणी में पहुंच चुकी थी. कई हॉटस्पॉट इलाकों में प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंचने के तुरंत बाद निगरानी स्टेशनों ने काम करना बंद कर दिया.
AQI 900 पार होने के बाद डेटा गायब
आनंद विहार: रात 11:00 बजे AQI 627 (खतरनाक) पर था, जिसके बाद डेटा रिकॉर्ड होना बंद हो गया और अगले दिन सुबह 4:00 बजे तक गायब रहा. यहां AQI मात्र 15 मिनट में 361 से 627 पहुंच गया था.
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अशोक विहार: रात 11:00 बजे AQI 892 (खतरनाक) छूने के बाद डेटा मिसिंग हो गया. सुबह 4:00 बजे यह 385 दर्ज किया गया.
आया नगर: रात 12:30 बजे AQI 964.56 दर्ज किया गया, जिसके बाद रिकॉर्डिंग रुकी और सुबह 4:30 बजे यह 937.59 पर ही बना रहा.
सीआरआरआई मथुरा रोड (सुप्रीम कोर्ट के पास): रात 11:30 बजे AQI 959 (खतरनाक) दर्ज हुआ, जिसके बाद डेटा रुक गया और 21 अक्टूबर सुबह 4:45 बजे भी यह 937.16 पर रहा.
चांदनी चौक आईआईटीएम: 21 अक्टूबर को तड़के 3:15 बजे AQI 998.8 तक पहुंच गया था, जो लगभग 1000 के करीब था, इस बीच भी डेटा गैप देखा गया.
एक-तिहाई से भी कम स्टेशनों ने दिया डेटा
रात 10:45 बजे तक, 39 में से 22 स्टेशन पहले ही 'गंभीर प्लस' श्रेणी में पहुंच चुके थे. रात 11:00 बजे के बाद 12 स्टेशनों ने काम करना बंद कर दिया. तड़के 3:00 बजे तक केवल 13 स्टेशन डेटा दिखा रहे थे, जो कुल स्टेशनों का एक-तिहाई से भी कम है.
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द्वारका सेक्टर 8, नजफगढ़, नेहरू नगर, आर के पुरम, आईजीआई एयरपोर्ट, लोधी रोड, मंडी मार्ग, मुंडका और पंजाबी बाग सहित 28 स्टेशनों का डेटा घंटों तक मिसिंग रहा. इन स्टेशनों की रीडिंग को औसत AQI गणना के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, जिससे दिल्ली के प्रदूषण का सही आकलन करना मुश्किल हो गया है.
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