नेपाल की पहली महिला PM सुशीला कार्की बोलीं, Gen-Z की आवाज सुनी जाएगी

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नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने बुधवार को कहा कि उनकी अंतरिम सरकार पांच मार्च को होने वाले आम चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हम संविधान के अनुरूप जेन-जी (GenZ) की सही मांगों को सुनने और पूरा करने के लिए जिम्मेदार हैं. सरकार ऐसा माहौल बनाएगी जिसमें नेपाली नागरिक बिना डर के वोट दे सकें. हमारा लक्ष्य है लोकतंत्र को मजबूत करना, देश की समृद्धि बढ़ाना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना. कार्की ने ये बात भक्तपुर जिले के मध्यमपुर ठिमी में एक कार्यक्रम के दौरान कही.

उनका बयान उस बैठक के एक दिन बाद आया जिसमें उन्होंने अंतरिम सरकार बनने के बाद पहली बार प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की थी. बैठक में आगामी आम चुनावों की तैयारियों और सुरक्षा से जुड़ी बातों पर चर्चा हुई. ये बैठक प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास बालुवाटार में हुई थी, जिसमें भंग की गई प्रतिनिधि सभा के कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया.

73 वर्षीय सुशीला कार्की पिछले महीने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को हटाने के बाद नियुक्त किया गया था. ओली के खिलाफ युवाओं द्वारा चलाए गए 'जेन-जी' आंदोलन में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन जैसे मुद्दे उठे थे.

सरकार तय समय पर चुनाव के वादे पर कायम

सूचना एवं संचार मंत्री जगदीश खरेल ने कहा कि मंगलवार को राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ हुई बातचीत ने चुनाव के लिए सकारात्मक माहौल तैयार किया है. पांच घंटे चली इस बैठक में राजनीतिक नेताओं ने सरकार से चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की अपील की. कार्की ने दोहराया कि सरकार तय समय पर चुनाव कराने के अपने वादे पर कायम है.

खरेल ने बताया कि राजनीतिक दलों के साथ बातचीत बहुत सकारात्मक रही. ज्यादातर नेता चुनाव को लेकर उत्साहित थे जिससे सरकार को आगे की तैयारियों के लिए प्रोत्साहन मिला. उन्होंने कहा कि सभी दलों के प्रतिनिधि और कैबिनेट के सदस्य पूरी जिम्मेदारी के साथ चुनावी माहौल बनाने में सहयोग देने को तैयार दिखे.

चुनाव की तारीख घोष‍ित

खरेल ने कहा कि बैठक में चुनाव कराने, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने पर गंभीर चर्चा हुई. राजनीतिक दलों को सरकार की तैयारियों की जानकारी दी गई. सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने में सहयोग मांगा. नेपाल के शीर्ष निर्वाचन आयोग ने पहले ही पांच मार्च 2026 को प्रतिनिधि सभा चुनाव की तारीख घोषित कर दी है.

सरकार की ओर से बैठक में प्रधानमंत्री कार्की के साथ वित्त मंत्री रमेश्वर खनाल, ऊर्जा मंत्री कुलमान घिसिंग, गृह मंत्री ओमप्रकाश अर्याल, कृषि मंत्री मदन परियार और सूचना एवं संचार मंत्री जगदीश खरेल मौजूद थे.

सरकार उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही?

वहीं, विपक्ष से नेपाली कांग्रेस के गगन कुमार थापा और प्रकाश शरण महत, CPN-UML के शंकर पोखरेल और प्रदीप ज्ञवाली, माओवादी केंद्र के वर्षा मान पुन और पंफ भुसाल, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के स्वर्णिम वागले और शोभिता गौतम, CPN (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के राजेन्द्र पांडेय और प्रकाश ज्वाला, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के राजेन्द्र गुरूंग और मोहन श्रेष्ठ और जनता समाजवादी पार्टी के उपेंद्र यादव और प्रकाश अधिकारी समेत कई नेता शामिल थे.

इसी बीच पिछले महीने के 'जेन-जी आंदोलन' में घायल हुए प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री कार्की से मिला. उन्होंने मांग की कि सरकार भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए. रुपिन खड़का की अगुवाई में 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हमने जिन लोगों के खिलाफ आंदोलन किया, वे अब भी आजाद घूम रहे हैं. सरकार उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही? क्या संविधान या नियम इसके रास्ते में हैं?

इस पर प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि अंतरिम सरकार कानून के दायरे में रहकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हम जेन जी आंदोलन की भावना से बाहर नहीं जाएंगे. हम सभी काम कानूनी प्रक्रिया के तहत करेंगे. हमें जो जनादेश मिला है, उसके अनुसार हम काम कर रहे हैं. चुनाव होंगे और भ्रष्टाचार की जांच आगे बढ़ रही है.

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