नेपाल से लौटे सात संदिग्धों के पास मिले 'जासूसी वॉकी-टॉकी', बहराइच बॉर्डर पर हाई अलर्ट!

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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भारत-नेपाल सीमा पर एक बड़ी कार्रवाई में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है. ये सभी लोग नेपाल से भारत लौटते समय प्रतिबंधित फ्रीक्वेंसी हॉपिंग इलेक्ट्रॉनिक वॉकी-टॉकी सेट के साथ पकड़े गए हैं. उनसे बरामद वॉकी-टॉकी सेट की तकनीक इतनी एडवांस है कि बातचीत के दौरान फ्रीक्वेंसी बार-बार बदलती रहती है. इससे किसी भी कॉल को इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल हो जाता है.

एसएसबी कमांडेंट गंगा सिंह उदावत ने बताया कि यह गिरफ्तारी 27 जून की शाम को रुपैडिहा बॉर्डर पर की गई. 42वीं बटालियन की टीम ने जब नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहे एक एसयूवी को जांच के लिए रोका तो उसमें सवार सात लोगों के पास से पांच प्रतिबंधित वॉकी-टॉकी सेट बरामद हुए. इस हाईटेक संचार उपकरण की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से कई महाराष्ट्र और यूपी के अलग-अलग जिलों के निवासी हैं. 

SSB चेकपोस्ट रुपईडीहा पर चेकिंग के दौरान नेपाल राष्ट्र से भारत आ रहे वाहन से प्रतिबंधित श्रेणी के 05 वायरलेस सेट, 04 एडाप्टर व 04 चार्जिंग यूनिट बरामद कर 07 अभियुक्तों के विरुद्ध थाना रुपईडीहा में अभियोग पंजीकृत कर किया गया गिरफ्तार ।#BahraichPolice pic.twitter.com/0cccjGZoWI

— BAHRAICH POLICE (@bahraichpolice) June 29, 2025

ISI फंडेड इस्लामिक यूनियन के संपर्क में थे संदिग्ध

इनमें पुणे के मोहम्मद मुस्लिम, बिलाल अब्दुल रहमान शेख, मुनीर यूसुफ शेख, ठाणे के तेमेश्वर भोंडवे, बिजनौर के अचलेश कुमार, कुशीनगर के शंकर पांडे और बहराइच के छांगुर अहमद शामिल हैं. इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार लोग नेपाल में इस्लामिक यूनियन नामक संगठन के संपर्क में थे. यह संगठन कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से फंडिंग प्राप्त करता है. 

नेपाल में नसीम शेख नामक शख्स से मिले 7 लोग 

नेपाल में इन लोगों की मुलाकात नसीम शेख नामक एक व्यक्ति से हुई थी, जो इस्लामिक यूनियन से जुड़ा है. सभी आरोपी एक रात उसी के घर पर भी रुके थे. कमांडेंट ने बताया कि मोहम्मद मुस्लिम मूलतः बहराइच के मटेरा इलाके का रहने वाला है. करीब 20 साल पहले कारोबार के सिलसिले में पुणे जाकर बस गया था. 24 जून को वह अपनी बेटी की शादी के लिए बहराइच आया था. इसके बाद 26 जून को वह अपने छह साथियों के साथ नेपाल गया, जहां से लौटा.

पुलिस ने इन धाराओं के तहत दर्ज किया केस

पुलिस की पूछताछ में ये सभी व्यक्ति वॉकी-टॉकी रखने का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इसके साथ ही इनके नेपाल यात्रा का कोई ठोस कारण भी नहीं मिला. यही कारण है कि एसएसबी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला मानते हुए तुरंत स्थानीय पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने एसएसबी की तहरीर पर दूरसंचार अधिनियम 2023, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 के तहत केस दर्ज कर लिया है. 

पहली बार हाईटेक उपकरणों की बरामदगी

सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. इस मामले की जांच विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से की जा रही है. नेपाल में इन संदिग्धों की गतिविधियों, उनके संपर्कों और यात्रा के मकसद को लेकर कई एंगल पर पड़ताल जारी है. बहराइच बॉर्डर पर इस तरह के हाईटेक उपकरणों की बरामदगी पहली बार हुई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है. जांच एजेंसियों को आशंका है कि ये किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है. 

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