नोएडा एयरपोर्ट के पास क्या महंगी होगी जमीन, नए नियम से रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या असर

2 days ago 1

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास 20 किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह का निर्माण नियमों के तहत ही होगा. YEIDA ने एक प्रस्ताव पास किया है, जिसके तहत नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाली बिल्डिंगों के निर्माण पर रोक लगा दी गई है.

इसका मतलब है कि अब इस इलाके में कोई भी नई बिल्डिंग नहीं बन पाएगी, इसके लिए YEIDA, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी, अगर कोई बिल्डिंग AAI के दिशा-निर्देशों के हिसाब से नहीं बनी है, तो उसका नक्शा पास नहीं किया जाएगा. इसको लेकर YEIDA के सीईओ आरके सिंह ने बताया कि बोर्ड ने एयरपोर्ट के पास उड़ान के रास्ते को साफ़ रखने के लिए AAI (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के नियमों को लागू करने का फैसला लिया है.

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उन्होंने आगे बताया कि AAI ने एक कलर-कोडेड ज़ोनिंग मैप जारी किया है, जिसे चर्चा के बाद लागू किया जाएगा. इसके अलावा, YEIDA इस 20 किलोमीटर के पूरे इलाके का सर्वे कराने के लिए एक विशेषज्ञ कंसलटेंट को भी नियुक्त करने की योजना बना रही है. 

रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या असर पड़ेगा?

इस फैसले के बाद 20 किलोमीटर के दायरे में अब निर्माण सीमित होगा, इसका मतलब है कि इस क्षेत्र में नई प्रॉपर्टी की सप्लाई कम हो जाएगी. जब भी किसी जगह पर मांग ज़्यादा और सप्लाई कम होती है, तो वहां की जमीन और प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ जाती हैं. जो बिल्डर या लोग पहले ही इस दायरे में प्रॉपर्टी बना चुके हैं, उनकी वैल्यू बढ़ जाएगी. वहीं विकसित परियोजनाओं को फायदा होगा.  जिन बिल्डरों की आवासीय या व्यावसायिक परियोजनाएं पहले से ही इस क्षेत्र में बनी हुई हैं और जिन्हें मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें सीधा फायदा होगा. उनके प्रोजेक्ट को प्रीमियम लोकेशन माना जाएगा और वे ऊंचे दामों पर अपनी यूनिट बेच पाएंगे.

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निवेशकों के लिए चुनौती

जो निवेशक इस क्षेत्र में भविष्य में प्लॉट या जमीन खरीदने की सोच रहे थे, उन्हें अब नए नियमों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी खरीद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों का पालन करती हो. नए नियम लागू होने के बाद, किसी भी प्रोजेक्ट का नक्शा पास कराने में पहले से ज्यादा समय लग सकता है. हर प्रोजेक्ट को AAI के दिशा-निर्देशों के अनुसार जांचा जाएगा, जिससे बिल्डरों और निवेशकों के लिए प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो सकती है. कई बिल्डरों ने इस क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हाउसिंग और कॉमर्शियल परियोजनाएं लॉन्च करने की योजना बनाई थी, अब उन्हें अपनी योजनाओं को इन नए नियमों के हिसाब से बदलना होगा, जिससे उनके प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है.

यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक दोधारी तलवार की तरह है. यह मौजूदा प्रॉपर्टी मालिकों को फायदा पहुंचाएगा, लेकिन नए निवेशकों और डेवलपर्स के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है.

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