PM मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से फोन पर बात की और दोहा में हुए इजरायली हवाई हमले पर गहरी चिंता जताई. इस हमले में हमास के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि भारत हमेशा से कतर की संप्रभुता का सम्मान करता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत संवाद और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं के समाधान का समर्थन करता है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के पक्ष में खड़ा है. उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी जानकारी
पीएम ने लिखा, 'कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से बात की और दोहा में हुए हमलों पर गहरी चिंता जताई. भारत भाईचारे वाले कतर की संप्रभुता का उल्लंघन करने वाली इस घटना की निंदा करता है. हम संवाद और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं के समाधान का समर्थन करते हैं और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के पक्ष में खड़े हैं.'
Spoke with Amir of Qatar Sheikh Tamim Bin Hamad Al-Thani and expressed deep concern at the attacks in Doha. India condemns the violation of the sovereignty of the brotherly State of Qatar. We support resolution of issues through dialogue and diplomacy, and avoiding escalation.…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2025दोहा में हुआ हमला
बता दें कि इजरायल ने बीते दिन ही यानी 9 सितंबर को दोहा के लेकतिफिया जिले में एक आवासीय परिसर पर हवाई हमला किया, जिसमें हमास के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया गया था. कतर ने इस हमले को 'कायरतापूर्ण' और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी इसे कतर की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करार दिया है.
ट्रंप ने भी की इजरायली हमले की निंदा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि उन्हें इस हमले के बारे में देर से जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के लिए अमेरिकी अनुमोदन की बात की थी, जो कि गलत है. व्हाइट हाउस ने भी इस हमले से खुद को अलग किया है और इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है.
इस हमले ने क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है और कतर की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं, क्योंकि कतर ने गाजा संघर्ष में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है. भारत ने इस घटना पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कतर के साथ एकजुटता व्यक्त की है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता की जरूरत को रेखांकित किया है.
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