पुलिस पर लगा डकैती का आरोप! कानपुर में दारोगा-चौकी इंचार्ज पर उनके ही थाने में मुकदमा दर्ज

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कानपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने पुलिस पर ही बिल्डर के साथ मिलकर अपनी जमीन पर कब्जा करने और घर से सामान लूटने का आरोप लगाया है. इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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 ITG)

कानपुर में पुलिसवालों पर एफआईआर दर्ज (Photo: ITG)

यूपी की कानपुर पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां चकेरी थाने के प्रभारी संतोष कुमार शुक्ला, सनिगवां चौकी के पूर्व इंचार्ज अंकित खटाना, और बिल्डर योगी व धर्मेंद्र यादव के साथ-साथ करीब 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन पर डकैती, जबरन घुसपैठ और तोड़फोड़ का आरोप है. इस पूरे कांड में पुलिसवालों की मिलीभगत उजागर हुई है, जिसने आम लोगों को हैरान कर दिया है. 

दरअसल, मामला चंद्र नगर, लालबंगला की संगीता जायसवाल की जमीन से जुड़ा है. यह घटना 29 मार्च को हुई थी. आरोप है कि पुलिस बल ने जबरदस्ती दीवारें और दरवाजे तोड़कर संगीता की जमीन पर कब्जा किया. यह सब एक भूखंड के विवाद को लेकर हुआ जो पहले से ही अदालत में चल रहा था. विरोध करने पर पीड़िता के परिवार की पिटाई भी की गई. 

पीड़िता संगीता जायसवाल ने आरोप लगाया है कि पुलिस और बिल्डरों ने न केवल उनकी जमीन पर कब्जा किया, बल्कि उनके घर से कीमती सामान भी लूट लिया. उन्होंने कहा कि भूखंड पर उनके पति का करीब डेढ़ करोड़ रुपये का माल रखा था, जिसे ट्रकों से हटा दिया गया. इसके अलावा, भवन में रखे करीब 6 लाख रुपये के जेवर और अन्य सामान भी गायब कर दिए गए. चौंकाने वाली बात यह है कि घर से एक मवेशी भी उठा लिया गया. 

क्या कहते हैं अधिकारी?

इस मामले पर डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद यह रिपोर्ट दर्ज की गई है. इस रिपोर्ट में थाना प्रभारी, तत्कालीन चौकी इंचार्ज और अन्य आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की सात अलग-अलग धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है. इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. 

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