उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रविवार को जमकर बवाल हुआ. पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई. प्राइवेट वाहन फूंक दिए गए. ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे चले. करीब तीन घंटे सड़क पर उपद्रव का दौर चला. इस पूरे बवाल का आरोप भीम आर्मी और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद के समर्थकों पर लगा है. हालांकि, चंद्रशेखर का कहना है कि हिंसा करने वाले उनकी पार्टी के लोग नहीं थे. आजाद समाज पार्टी के लोग तो उनके साथ सर्किट हाउस में शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे. क्योंकि, पुलिस ने उन्हें वहां पर नजरबंद कर रखा था. आइए जानते हैं पूरा मामला...
घटनाक्रम के मुताबिक, भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर को कौशांबी के लोहंदा गांव जाकर कथित दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के परिजनों से मिलना था. इससे पहले उन्हें प्रयागराज के करछना के इसौटा गांव पहुंचना था. आरोप है कि यहां 13 अप्रैल को देवशंकर नाम के व्यक्ति को जिंदा जलाकर मार डाला गया था.
दो दलित परिवारों से मिलने जाने के लिए चंद्रशेखर प्रयागराज सर्किट हाउस पहुंचे, लेकिन स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देकर उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया. जैसे ही खबर फैली कि चंद्रशेखर को नजरबंद कर दिया गया और आगे नहीं जाने दिया जा रहा, उनके समर्थक उग्र हो गए. हजारों की संख्या में भीम आर्मी के लोग सड़कों पर उतर आए.
पुलिस मान-मनौव्वल करती रही, लेकिन सर्किट हाउस में धरने पर बैठे चंद्रशेखर नहीं माने. उधर, जब इसकी जानकारी करछना तहसील में जुटे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं को मिली तो उन्होंने करछना-कोहड़ार रूट पर भड़ेवरा बाजार में जाम लगा दिया. डायल-112 की गाड़ी से पुलिसकर्मी जाम खुलवाने पहुंचे तो भीड़ उग्र हो गई. उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. तोड़फोड़ करने के साथ ही पुलिस की गाड़ी तक पलट दी.
हालात बेकाबू होते देख पुलिसकर्मी सकते में आ गए. फौरन भारी फोर्स को बुलाना गया. लेकिन इस बीच प्रदर्शनकारियों ने अन्य वाहनों पर भी पथराव कर दिया. पुलिस ने बल प्रयोग किया तो लोगों ने ईंट-पत्थर और लाठी-डंडों से दर्जनों गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया. बाइकों में आग लगा दी गई. ये सब कई घंटे तक चला. देर शाम पुलिस हालात को काबू में कर पाई.
फिलहाल, करछना में हुई घटना के बाद अब इलाके में शांति व्यवस्था कायम है. मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है. इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. तकरीबन 50 लोगों को अरेस्ट किया गया है. दर्जनों बवालियों को चिन्हित किया गया है. वीडियो/फोटो के माध्यम से धरपकड़ जारी है. तोड़फोड़ आगजनी करने वाले लोगों पर गैंगस्टर और एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि मैं कौशांबी और करछना जाना चाहता था. मुझे कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक न होने का हवाला देकर रोका गया. पुलिस द्वारा यह कहा गया कि कुछ देर बाद जाने दिया जाएगा, लेकिन फिर वापस भेज दिया गया. हंगामा करने वाले लोग मेरे समर्थक नहीं हैं. मेरे लोग शांतिपूर्वक मेरे साथ सर्किट हाउस में बैठे थे. चंद्रशेखर ने विधानसभा और मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है.