राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब सामने आ रही जानकारियां बता रही हैं कि सोनम रघुवंशी बहुत शातिर है. वह अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सबसे सुरक्षित माने जाने वाली जगह फरार होना चाह रही थी. जी हां, उसने पहले से ही नेपाल भागने की पूरी योजना बना रखी थी. सृत्रों के मुताबिक सामने आया है कि सोनम ने न केवल रूट प्लान किया था, बल्कि रेल और बस दोनों विकल्पों पर नजर रख रही थी. ट्रेन न मिलने की स्थिति में वह रोडवेज में बैठी , ताकि वहां से गोरखपुर होते हुए नेपाल बॉर्डर पार किया जा सके.
गोरखपुर से सोनौली बॉर्डर का प्लान
सूत्रों के मुताबिक, सोनम रघुवंशी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सोनौली बॉर्डर पार करके नेपाल में दाखिल होना चाह रही थी. इसके लिए वह 8 जून की रात को वाराणसी से गोरखपुर जाना चाहती थी. लेकिन यहां से तुरंत कोई ट्रेन नहीं मिली तो वह रोडवेज में बैठ गई. यह बात उसके साथ वाराणसी में बस में बैठी गाजीपुर की रहने वाली उजाला यादव ने बताया. उजाला ने बताया कि सोनम पहले गोरखपुर जाने वाली ट्रेन के बारे में पूछ रही थी. बताया जा रहा है कि उसका अंतिम गंतव्य गोरखपुर ही होगा. जो सोनौली बॉर्डर का सबसे आम ट्रांजिट प्वाइंट है. बताया जा रहा है कि वह वाराणसी से गोरखपुर होते हुए सोनौली और वहां से नेपाल जाने की फिराक में थी. यह रूट नेपाल में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम रास्ता है.
मौके का इंतजार कर रही थी सोनम
गाजीपुर की रहने वाली उजाला यादव ने बताया कि उसने सोमन के साथ बस में बनारस से गाजीपुर तक का सफर किया. बताया जा रहा है कि उस दौरान सोनम के पास कोई भारी सामान नहीं था. जिस रात वह वाराणसी कैंट स्टेशन पर देखी गई, वह दो लड़कों के साथ थी. उजाला यादव के मुताबिक, सोनम ने कैंट स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार किया, लेकिन ट्रेन देर से थी. जब उजाला ने बताया कि ट्रेन सुबह 3 बजे के बाद मिलेगी और रोडवेज बस बाहर से मिल जाएगी, तो सोनम ने तुरंत बस पकड़ने का फैसला किया. उजाला के मुताबिक वो बहुत परेशान थी. बार-बार पूछ रही थी कि गोरखपुर कितनी दूर है? बस कब रुकेगी? कितने घंटे लगेंगे?
मोबाइल से डायल किया नंबर, फिर डिलीट कर दिया
बस में यात्रा के दौरान सोनम ने उजाला से मोबाइल मांगा, एक नंबर टाइप किया, थोड़ी देर स्क्रीन देखती रही, फिर डायल किए बिना नंबर मिटा दिया. बताया जा रहा है कि यह नंबर या तो बॉर्डर पार कराने वाले एजेंट का हो सकता है, या फिर किसी ऐसे व्यक्ति का जिससे वह निर्देश लेना चाहती थी.
क्यों चुना होगा सोनौली बॉर्डर का रूट?
नेपाल सीमा पार करने के कई रास्ते हैं. बीरगंज, जनकपुर, भैरहवा आदि. लेकिन सोनौली बॉर्डर (गोरखपुर के पास) सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला है, क्योंकि यहां भीड़भाड़ अधिक होती है. यहां नेपाल-भारत के नागरिक आसानी से आवागमन करते हैं. उजाला यादव ने बताया कि मैंने गाजीपुर के नंदगंज थाने में सूचना दी और फिर राजा रघुवंशी के भाई से भी सोशल मीडिया के जरिए बात की.