बांदा जिले में 3 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था. आरोपी सुनील निषाद ने मासूम को टॉफी का लालच देकर अगवा किया, सुनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया और फिर अचेत हालत में आइस बॉक्स में डालकर जंगल में फेंक दिया. बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे कानपुर रेफर किया गया. 8 दिन तक ICU में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया. इस घटना ने पूरे जिले में आक्रोश फैला दिया था.
यह घटना 3 जून की है. आरोपी के कपड़ों पर खून के धब्बे देखकर ग्रामीणों को शक हुआ. बच्ची आखिरी बार उसके पास खेलते देखी गई थी. आरोपी गांव से फरार हो गया. पुलिस ने घेराबंदी की और मुठभेड़ के बाद सुनील को गिरफ्तार कर लिया. तब से वह जेल में बंद है. पुलिस ने जांच पूरी कर साक्ष्य कोर्ट में पेश कर दिए हैं. आने वाले दिनों में अदालत से फैसले की उम्मीद है.
बुलडोजर चला, घर जमींदोज
डीएम जे. रिभा और एसपी ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया. जांच में पता चला कि सुनील का घर ग्राम सभा की जमीन पर बना था. एसडीएम अंकित वर्मा ने तहसीलदार कोर्ट में मामला दर्ज कराया. आरोपी को नोटिस जारी किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने घर गिराने का फैसला लिया.
कार्रवाई के दिन घर पर ताला बंद मिला तो प्रशासन ने ताला तोड़ा, घर का सामान पड़ोसियों की मौजूदगी में बाहर निकलवाया और कुर्क किया. इसके बाद बुलडोजर से घर को मलबे में तब्दील कर दिया गया. तीन बिस्वे में बने इस घर को गिराने की कार्रवाई करीब 9 घंटे चली. इस दौरान कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही.
परिजनों ने कही बड़ी बात
बुलडोजर कार्रवाई के बाद पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें इंसाफ की शुरुआत मिल गई है, लेकिन असली न्याय तभी होगा जब आरोपी को फांसी की सजा मिलेगी. परिजनों का कहना है कि ऐसी सजा से समाज में कड़ा संदेश जाएगा और कोई भी इंसान मासूम बच्चियों के साथ इस तरह का अपराध करने की हिम्मत नहीं करेगा.
प्रशासन का बयान
एसडीएम अंकित वर्मा ने बताया कि आरोपी का घर ग्राम सभा की जमीन पर था. कोर्ट के आदेश पर घर को गिराया गया और सामान कुर्क कर लिया गया. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत की गई है. उन्होंने कहा कि जो भी गंभीर अपराध करेगा, उसके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई होगी.
इस घटना ने एक बार फिर समाज को झकझोर दिया है. परिजनों और ग्रामीणों की यही मांग है कि आरोपी को फांसी की सजा मिले ताकि बच्चियों के साथ ऐसी दरिंदगी दोबारा न हो सके.
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