छात्रों पर हुए इस लाठीचार्ज पर यूपी सरकार के मंत्री सतीश शर्मा ने संज्ञान लिया. उन्होंने पीड़ित छात्रों से मुलाकात की. छात्रों का आरोप है वो अपने भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ पर रामस्वरूप यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब मांग रहे थे. शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन मौके पर आई बाराबंकी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
X
घायल छात्रों से मिलने पहुंचे मंत्री सतीश शर्मा (Photo: ITG)
राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी के रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में LLB कोर्स की मान्यता रद्द होने के बाद भी एडमिशन लेने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और ABVP कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इसमें 25 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना से नाराज छात्रों और कार्यकर्ताओं ने देर रात अस्पताल और डीएम आवास पर भी हंगामा किया. पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
दरअसल, सोमवार को बाराबंकी में रामस्वरूप यूनिवर्सिटी के बाहर LLB छात्रों और ABVP कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन यूनिवर्सिटी द्वारा बिना मान्यता के LLB कोर्स में एडमिशन लेने के खिलाफ था. जब छात्रों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई तो स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें पहले बाराबंकी के जिला अस्पताल और फिर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. इस घटना से नाराज छात्रों और ABVP कार्यकर्ताओं ने देर रात जिला अस्पताल में हंगामा किया. देखें वीडियो-
लाठीचार्ज में घायल 25 से अधिक ABVP कार्यकर्ताओं और छात्रों को पहले बाराबंकी जिला अस्पताल में लाया गया. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि उन्हें अस्पताल में बेड नहीं दिए जा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने सीएमओ अवधेश यादव के सामने ही हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी.
हालात बिगड़ने पर घबराए सीएमओ ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिलवाकर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. घटना के बाद, बीजेपी मंत्री सतीश शर्मा और ज़िलाध्यक्ष अरविंद मौर्य अस्पताल पहुंचे और उन्होंने घायल छात्रों के इलाज के निर्देश दिए.
पुलिस और प्रशासन पर गुस्सा, कोतवाल पर एक्शन
लाठीचार्ज के बाद ABVP कार्यकर्ताओं और छात्रों का गुस्सा पुलिस और प्रशासन पर फूट पड़ा. वे आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस ने कुछ अराजक तत्वों के साथ मिलकर उन पर हमला किया. गुस्साए कार्यकर्ताओं ने डीएम और एसपी को अस्पताल में घुसने से भी रोक दिया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की, जिसके बाद उन्हें बिना बात किए वापस लौटना पड़ा. इस घटना के बाद, नगर कोतवाली के इंचार्ज इंस्पेक्टर राणा को हटाकर उनकी जगह सुधीर सिंह को नया कोतवाल बनाया गया है.
---- समाप्त ----