उपराष्ट्रपति चुनाव की सियासी बाजी एनडीए ने जीत ली है. सीपी राधाकृष्णन को एनडीए के 'नंबर गेम' से ज्यादा वोट मिले हैं, जबकि 'इंडिया' ब्लॉक के बी. सुदर्शन रेड्डी को सियासी झटका लगा है. राधाकृष्णन ने 137 वोटों की मार्जिन से सुदर्शन रेड्डी को शिकस्त देकर सभी को चौंका दिया है, क्योंकि एनडीए को उसकी ताकत से अधिक वोट मिले हैं.
एनडीए के सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले हैं, जबकि 'इंडिया' ब्लॉक के सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले हैं. संसद की मौजूदा संख्या बल के हिसाब से एनडीए के 427 और 'इंडिया' ब्लॉक के 315 वोट थे. इसके बाद सुदर्शन रेड्डी को कम वोट मिलने से साफ है कि सत्ता पक्ष विपक्ष में सेंधमारी करने में सफल रहा.
राधाकृष्णन को एनडीए के 427 वोटों की तुलना में 25 वोट ज़्यादा यानी 452 मिले हैं. वहीं, सुदर्शन रेड्डी को 'इंडिया' ब्लॉक के कुल 315 की तुलना में 15 वोट कम यानी 300 वोट मिले हैं. इससे साफ है कि विपक्ष के 15 सांसदों ने एनडीए के पक्ष में वोट डाले हैं. क्रॉस वोटिंग से लेकर सांसदों के निरस्त वोटों के पीछे क्या कहानी है?
समझें, चुनाव में कैसे हुआ सियासी गेम
उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करते हैं, जिनकी संख्या 788 है. इनमें से वर्तमान में 7 सीटें रिक्त हैं, यानी 781 सांसदों को वोट करना था, जिसमें मंगलवार को 767 सांसदों ने वोट डाला और 14 सांसदों ने वोट नहीं डाला.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पड़े कुल 767 वोटों में से 752 वोट वैध तो 15 वोट निरस्त पाए गए. वैध पाए गए 752 वोटों में से एनडीए के सीपी राधाकृष्णन को 452 और 'इंडिया' ब्लॉक के बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले.
एनडीए के सांसदों की संख्या 427 थी और विपक्षी सांसदों की संख्या 354 थी. विपक्षी सांसदों में 'इंडिया' ब्लॉक में शामिल पार्टियों के 315 और 39 ऐसे दलों के सांसद थे जो एनडीए और 'इंडिया' ब्लॉक किसी का हिस्सा नहीं थे.
विपक्ष के 14 सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया
वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों ने एनडीए के राधाकृष्णन के पक्ष में वोट दिया. इस तरह राधाकृष्णन की संख्या बढ़कर 438 हो गई और न्यूट्रल की संख्या घटकर 28 रह गई. इन 28 सांसदों में से बीजेडी के सात, बीआरएस के चार, अकाली दल के एक और दो निर्दलीय सरबजीत सिंह खालसा और अमृतपाल ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया यानी 14 वोट अनुपस्थित रहे. इस तरह न्यूट्रल की संख्या घटकर 14 रह गई, जिनमें से कुछ वोटरों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया होगा.
क्रॉस वोटिंग और सांसदों के निरस्त वोट
वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद एनडीए के राधाकृष्णन के 438 वोट हो गए थे, जबकि उन्हें 452 वोट मिले हैं. इस तरह से उन्हें 14 अतिरिक्त वोट मिले हैं, जिसमें माना जा रहा है कि कुछ न्यूट्रल वोट भी हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि जो 15 वोट निरस्त हुए हैं, उनमें 10 एनडीए के थे और 5 वोट 'इंडिया' ब्लॉक के थे. इस तरह क्रॉस वोटिंग के कारण ही एनडीए के पक्ष में उसकी संख्या 452 तक पहुँच सकी.
'इंडिया' ब्लॉक के किन सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि, जिस तरह से एनडीए के 10 सांसदों के वोट निरस्त हुए हैं, उससे साफ है कि विपक्ष के 10 सांसदों ने एनडीए के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है. 'इंडिया' ब्लॉक को 15 वोटों का नुकसान हुआ है. इनमें पाँच निरस्त वोट और दस क्रॉस वोटिंग को मिला दें तो यह हिसाब पूरा हो जाता है.
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