बिटिया की शादी, सोना खरीदना है... ये हर माता-पिता की चाहत होती है, और यही भारतीय परंपरा भी है. लेकिन अब ऐसे माता-पिता भी हैं, जो कह रहे हैं कि बिना गहनों के कैसे बिटिया को विदा करेंगे? भारतीय शादी में श्रृंगार का अहम स्थान है, और उसमें सोने की ज्वेलरी सबसे ऊपर है. दुल्हन के श्रृंगार से लेकर वर-वधू के परिवारों की शान तक, हर जगह सोना ही मुख्य आकर्षण होता है. यही कारण है कि सोने के बिना भारतीय शादी की कल्पना अधूरी-सी लगती है.
हालांकि शादी में मिले सोने-चांदी को संजोए कर रखना भी हमारी परंपरा रही है, जो एक तरह से सुरक्षित निवेश भी है. परंपरा के अनुसार, दुल्हन को विवाह के समय सोने के गहने देना न सिर्फ उसकी सुंदरता बढ़ाने के लिए होता है, बल्कि यह उसके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा का भी संकेत है.
दरअसल, मौजूदा समय में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं, लेकिन इस साल शादी का सीजन कई परिवारों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है, क्योंकि इस वक्त सोना न सिर्फ महंगा हुआ है, बल्कि लगातार बढ़ती कीमतों ने उन परिवारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, जिनके यहां इस साल शादी है.
एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए शादी का बजट सीमित होता है. इस बदले हुए दौर में लोग ज्वेलरी के अलावा डेकोरेशन, फोटोग्राफी और हनीमून पैकेज जैसी चीजों पर खर्च कर रहे हैं, खासकर शहरों में युवाओं की सोच बदल रही है. ऐसे में शादी का बजट बिगड़ता जा रहा है, और सोने का भाव भी बढ़ता जा रहा है.
सबसे ज्यादा चिंता उन परिवारों को है, जिनके यहां इस साल शादी है, क्योंकि पिछले एक साल में सोना करीब 46-47% महंगा हो चुका है. जबकि इसी साल यानी 2025 में ही सोने की कीमत करीब 40 फीसदी बढ़ चुकी है. एक साल पहले 24K कैरेट 10 ग्राम गोल्ड की कीमत करीब 75 हजार रुपये थी, जो बढ़कर 1,10,000 रुपये को पार कर चुकी है.
एक साल में सोने की कितनी बढ़ी है (24 कैरेट)
सितंबर-2024 सितंबर- 2025
₹75,930 ₹1,11,280
यानी एक साल में 10 ग्राम सोने की कीमत में 35000 रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है.
आमतौर पर एक मध्यवर्गीय परिवार शादी में 5 से 10 लाख रुपये खर्च करता है, एक अनुमान 5 लाख रुपये खर्च करने वाला परिवार कम से कम 20 ग्राम सोना खरीदता था, जो करीब 1.50 लाख रुपये में आ जाता था. लेकिन इस साल शादी में 5 लाख खर्च करने वाला परिवार परेशान है, वो सोच रहे हैं कि अब कितने का सोना खरीदें, क्योंकि सोना हर रोज महंगा हो रहा है, और बजट से भी बाहर हो रहा है. भारत में शादी को लेकर परंपरा और दिखावे का दबाव हमेशा रहा है. ऐसी स्थिति बिना गहनों की शादी भी नहीं हो सकती. 10 लाख रुपये तक शादी में खर्च करने वाले पहले 40 ग्राम सोना खरीदते थे, जो कि करीब 3 लाख रुपये में आज जाता था, अब इस साल 10 लाख रुपये शादी में खर्च करने वाले केवल 20 ग्राम ही सोना खरीद सकता है, क्योंकि 40 ग्राम खरीदने पर बजट बिगड़ जाएगा.
सोना महंगा होने पर अब क्या विकल्प?
सोने की कीमतों में उछाल का सीधा असर ज्वेलरी बाजार पर भी दिख रहा है. ज्वेलर्स की बिक्री में गिरावट आई है और कई दुकानदार किस्तों पर गहने देने की योजना ला रहे हैं. जानकार भी कह रहे हैं कि कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो आने वाले महीनों में ज्वेलरी इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है.
हालांकि सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद अब लोग परंपरा निभाने के लिए नए विकल्प तलाश रहे हैं. शादी-ब्याह और त्योहारों में गहनों का महत्व बना रहता है, लेकिन बढ़ते दामों ने लोगों की पसंद और रणनीति दोनों बदल दी है.
1. हल्की और मिनिमल ज्वेलरी
भारी नेकलेस और कंगन की जगह अब लोग हल्के डिजाइन चुन रहे हैं. छोटे चेन, स्लीक रिंग्स और मिनिमल ब्रेसलेट्स की डिमांड बढ़ी है. इससे सोना भी खरीदा जाता है और बजट पर बोझ भी कम पड़ता है.
2. 18 कैरेट और 14 कैरेट गोल्ड
पहले लोग ज्यादातर 22 कैरेट और 24 कैरेट गोल्ड खरीदते थे, लेकिन अब 18K और 14K के गहने बनवा रहे हैं. इससे सोना सस्ता भी पड़ रहा है और फैशनेबल डिजाइनों की भी बड़ी रेंज मिलती है.
3. गोल्ड प्लेटेड और इमीटेशन ज्वेलरी
खासकर शादी या फंक्शन के लिए, कई परिवार अब गोल्ड प्लेटेड ज्वेलरी या फिर हाई क्वालिटी वाली इमीटेशन ज्वेलरी ले रहे हैं. दिखने में ये लगभग असली सोने जैसी लगती हैं और खर्च काफी कम आता है. यानी बजट में होता है.
4. सिल्वर और प्लैटिनम
सोने के विकल्प के तौर पर लोग अब सिल्वर और प्लैटिनम ज्वेलरी की तरफ रुख कर रहे हैं.. खासकर शहरी युवाओं में यह चलन बढ़ा है, क्योंकि यह आधुनिक लुक देता है और वैल्यू भी बनाए रखता है.
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