भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा करने वाले सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विभिन्न स्थानों से एक बांग्लादेशी नागरिक सहित लगभग 60 लोगों को पकड़ा है. एसएसबी के अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए लोगों में ज़्यादातर नेपाली हैं, जिन पर अपने देश में अशांति के दौरान जेल तोड़कर भागने का शक है.
सशस्त्र सीमा बल (SSB) के अधिकारियों ने इस सिलसिले में पीटीआई को बताया कि एसएसबी के जवानों ने पिछले दो दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा चौकियों से अलग-अलग लोगों को पकड़ा है. उन्होंने बताया कि इन्हें संबंधित राज्य पुलिस बलों को सौंप दिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले में मुसहरवा सीमा चौकी से एक बांग्लादेशी नागरिक को भी पकड़ा गया है. वह काठमांडू में जेल परिसर पर भीड़ के हमले के दौरान भागने में कामयाब रहा था. अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए लोगों में से दो या तीन भारतीय मूल के होने का दावा कर रहे हैं और इस तथ्य की पुष्टि की जा रही है.
गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधीन कार्यरत एसएसबी, भारत के पूर्वी हिस्से में 1,751 किलोमीटर लंबे बिना बाड़ वाले भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा करता है. जिसके तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में लगभग 50 बटालियन, यानी लगभग 60,000 कर्मियों को तैनात किया गया है, जो नेपाल के साथ सीमा साझा करते हैं.
नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर, एसएसबी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'एसएसबी अपने नेपाली समकक्ष एपीएफ के संपर्क में है. उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वतंत्र फ्लैग मार्च के अलावा उनके साथ संयुक्त गश्त भी की है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि भारतीय पक्ष नेपाल में हाल के घटनाक्रमों से उत्पन्न किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है.'
अधिकारी ने कहा कि नेपाल को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया गया है और वैध पहचान पत्र रखने वाले दोनों देशों के वास्तविक नागरिकों को सीमा पार करने की अनुमति दी जा रही है.
गुरुवार को एक जेल में नेपाली सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में तीन कैदियों की मौत हो गई, जबकि नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से दो दर्जन से ज़्यादा जेलों से 15,000 से ज़्यादा कैदियों के फरार होने की खबर है. इन ताज़ा मौतों के साथ, मंगलवार को भड़की हिंसा के बाद से सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में मरने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
हिंसक आंदोलन के कारण प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को मंगलवार को इस्तीफ़ा देना पड़ा, जिसके बाद नेपाली सेना ने गंभीर कानून-व्यवस्था की स्थिति के चलते प्रांतों में प्रतिबंध लगा दिए.
---- समाप्त ----