नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सामान्य स्थिति बहाल हो रही है, जहां एक नए शासन की शुरुआत हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत के पड़ोसी देश की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि कार्की का शीर्ष पद संभालना महिलाओं के सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण है. साथ ही पीएम ने नेपाली युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की. पीएम मोदी का यह बयान मणिपुर दौरे के दौरान आया, जहां उन्होंने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को शुक्रवार रात शपथ ग्रहण करने के बाद आधिकारिक तौर पर अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार सौंपा गया. उनकी नियुक्ति उनके पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के चार दिन बाद हुआ. ओली को अपनी सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी जनाक्रोश के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं.
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मणिपुर की राजधानी इम्फाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'नेपाल भारत का दोस्त है, करीबी दोस्त. आज 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मैं सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने पर हार्दिक बधाई देता हूं. उनका नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेना महिलाओं के सशक्तिकरण का बहुत अच्छा उदाहरण है.'
सुशीला कार्की के नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह नेपाल में शांति, स्थिरता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगी. उन्होंने नेपाल के युवाओं की सराहना की, जिन्होंने अस्थिर माहौल में भी लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा. पीएम मोदी ने कहा, 'उनकी सकारात्मक सोच और कार्य न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि नेपाल के नए उदय का स्पष्ट संकेत भी हैं. मैं नेपाल को उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं.'
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इस सप्ताह की शुरुआत में नेपाल ने हाल के वर्षों में सबसे हिंसक विरोध प्रदर्शन देखे, जब Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने देशभर में सड़कों पर उतरकर ओली सरकार के इस्तीफे की मांग की. व्यापक भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक हो गए. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास, राष्ट्रपति भवन, सर्वोच्च न्यायालय और अन्य प्रमुख सरकारी भवनों में आग लगा दी. वर्तमान से लेकर पूर्व प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों के निजी घरों को भी उग्र भीड़ ने आग के हवाले कर दिया.
हालांकि, सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण के एक दिन बाद शनिवार को नेपाल के अधिकांश क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया. दुकानें खुल गईं और लोग अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट आए. सुशीला कार्की (73) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की पूर्व छात्रा रही हैं. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था, जिस कारण युवाओं में वह लोकप्रिय हैं. सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद कहा कि उनका पहला कार्य हिंसा के बाद नेपाल में व्यवस्था बहाल करना होगा. अंतरिम सरकार को मार्च 2026 तक राष्ट्रीय चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है.
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