इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघायल पुलिस ने अपनी 790 पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है. इसमें कत्ल की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है. इस पटकथा की मुख्य किरदार कोई और नहीं बल्कि उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी है. सोनम के साथ उसका प्रेमी राज कुशवाहा और तीन सुपारी किलर शामिल हैं, जिनके नाम आकाश सिंह राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी हैं. यही पांच लोग इस हत्याकांड के प्रमुख किरदार हैं.
मेघालय पुलिस की चार्जशीट बताती है कि 23 मई को सोहरा के पास सेल्फी प्वॉइंट पर विशाल सिंह चौहान ने तेजधार दाव से राजा पर पहला वार किया था. वार इतना घातक था कि राजा तड़प उठा और बेतहाशा खून बहने लगा. उसके आसपास तीनों कातिल मौजूद थे और कुछ ही दूरी पर उसकी पत्नी सोनम खड़ी थी. राजा गिड़गिड़ा रहा था, पर सोनम अपनी आंखें फेर चुकी थी. इसके बाद विशाल ने लगातार वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया. राजा की चीखें थम गईं.
इसके बाद सोनम ने वापस आकर पूछा, "मर गया या जिंदा है?" और फिर उसने तीनों कातिलों संग पति की लाश उठाकर खाई में फेंक दी. लेकिन यह कत्ल एक झटके में नहीं हुआ था. इससे पहले सोनम ने अपने पति को मारने की तीन नाकाम कोशिशें की थीं. 21 मई को गुवाहाटी में पहली कोशिश हुई. तीनों किलर पहले से ही वहां पहुंच चुके थे, लेकिन सुनसान जगह न मिलने के कारण प्लान फेल हो गया. इसके बाद सेल्फी लेने के बहाने खाई में धक्का देने का दूसरा प्लान बना.
कत्ल की तीन कोशिश, हर बार हुई नाकाम
बारिश ने सोनम की इस साजिश को भी विफल कर दिया. तीसरी कोशिश में स्कूटी से सुनसान जगह ले जाकर हमला होना था, लेकिन वहां स्थानीय लोग मौजूद थे और डर के मारे साजिश अधूरी रह गई. चार्जशीट बताती है कि इन सब साजिशों की स्क्रिप्ट सोनम और राज कुशवाहा ने मिलकर लिखी थी. राज इंदौर से लगातार फोन पर गाइड कर रहा था. वहीं मौके पर सोनम तीनों कातिलों को रास्ता और इशारे देती रही. 23 मई को राजा रघुवंशी थककर वॉशरूम की ओर गया था.
चौथी कोशिश में साजिश में सफल हुई सोनम
उसी वक्त विशाल ने पीछे से दाव से वार किया. आकाश थोड़ी दूरी पर निगरानी कर रहा था और आनंद करीब खड़ा था. कत्ल के बाद सोनम ने खुद लाश को उठाकर रेलिंग पार करने में मदद की थी. इसके बाद चारों स्कूटी से वहां से निकले. शाम तक कातिल मेघालय से निकल चुके थे, जबकि सोनम बुरका पहनकर टैक्सी से गुवाहाटी और फिर अलग-अलग शहरों से होते हुए 25 मई को इंदौर पहुंच गई. असल में सोनम का प्लान था कि वो कुछ दिनों तक छिपकर रहे.
किडनैपिंग का झूठा किस्सा गढ़ना चाहती थी
इसके बाद लोगों के सामने आकर कहानी बने कि वो अगवा हुई थी. लेकिन मेघालय पुलिस ने जल्द ही तफ्तीश तेज कर दी. 2 जून को राजा की लाश खाई से मिली और मामला गुमशुदगी से मर्डर में बदल गया. इंदौर में छिपी सोनम तब भी मीडिया पर नजर रख रही थी. उसका इरादा था कि कुछ दिन बाद दुबारा सिलिगुड़ी के रास्ते मेघालय जाकर ड्रग्स और किडनैपिंग का झूठा किस्सा गढ़े. लेकिन पुलिस ने 8 जून को पहला कातिल आकाश को गिरफ्तार कर लिया.
गाजीपुर से हुई थी सोनम की गिरफ्तारी
इसकी खबर मिलते ही राज कुशवाहा और सोनम दोनों घबरा गए. सोनम का अगला प्लान बदल गया और वह गाजीपुर की ओर निकल पड़ी. वाराणसी से गाजीपुर जाने वाली बस में उसकी आखिरी यात्रा दर्ज हुई. उसी बस में उजाला नाम की एक लड़की भी थी, जिसने सोनम को देखा था. गाजीपुर पहुंचकर सोनम ने एक ढाबे से अपने भाई को फोन किया और यहीं से उसकी गिरफ्तारी हो गई. सोनम ने फरवरी 2024 से ही राजा की हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी थी.
790 पन्नों की चार्जशीट और पुख्ता सबूत
शुरूआती प्लान में कभी नकली मौत, कभी जलती लाश की साजिश शामिल थी. लेकिन हर बार नाकाम रहने पर आखिरकार असली कत्ल का रास्ता चुना गया. इस हत्याकांड में सबूत मिटाने और सोनम को पनाह देने में लोकेंद्र तोमर, बल्ला अहिरवार और शिलोम जेम्स की भी भूमिका सामने आई है. इनके खिलाफ जल्द ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल होगी. 790 पन्नों की चार्जशीट में सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन, स्कूटी किराए के दस्तावेज और एक यूट्यूबर का वीडियो अहम सबूत हैं.
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