महाराष्ट्र सरकार ने थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला किया है. ये निर्णय जनता और राजनीतिक दलों की ओर से मिल रहे विरोध के बाद लिया गया है.
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महाराष्ट्र सरकार ने थ्री लैंग्वेज पॉलिसी पर फिलहाल रोक लगा दी है
महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी से जुड़े अपने संशोधित सरकारी आदेश (GR) को वापस ले लिया है. हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में 'थोपे जाने' के आरोपों के बीच बढ़ते विरोध के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है. इसके साथ ही सरकार ने इस नीति की समीक्षा और क्रियान्वयन के लिए एक नई समिति गठित करने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि यह निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. उन्होंने कहा कि थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी और उसके क्रियान्वयन के तरीके को लेकर डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी. इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही नीति लागू की जाएगी.
सीएम फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक समिति की सिफारिशें नहीं आतीं, तब तक थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी से संबंधित दोनों GR रद्द किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए मराठी भाषा ही केंद्रबिंदु है.
बता दें कि हाल ही में राज्य सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि मराठी और अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. ये फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्राथमिक स्तर पर चरणबद्ध क्रियान्वयन का हिस्सा था.