मोदी-जिनपिंग मुलाकात के बाद क्या अब बॉर्डर विवाद पर बदलेगी बातचीत की दिशा?

6 days ago 1

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के तियानजिन शिखर सम्मेलन में भारत और चीन के बीच प्रगति ने LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर तनाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. कजान (अक्टूबर 2024) से तियानजिन SCO तक, दोनों देशों ने डिसएंगेजमेंट (सेनाओं की पीछे हटना) और पेट्रोलिंग बहाली पर काम किया.

कजान मीटिंग के बाद डेपसांग और डेमचोक मैदानों से डिसएंगेजमेंट एक बड़ा ब्रेकथ्रू था, जिससे इन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग फिर शुरू हो गई. पिछले 11 महीनों में भारत-चीन के बीच कई द्विपक्षीय बैठकें हुईं, जो आगे के कदमों के लिए जरूरी थीं. तियानजिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक से LAC पर समाधान की बातचीत को गति मिलने की उम्मीद है.

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डिसएंगेजमेंट के बाद दूसरा चरण डी-एस्केलेशन (सेनाओं की घनत्व कम करना) है. तीसरा चरण डी-इंडक्शन (2020 के तनाव के दौरान भेजी गई सेनाओं को मूल स्थान पर वापस भेजना) है. LAC के चार क्षेत्रों - पांगोंग, गलवान का PP-14, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स - में 2020 से सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स पर डिसएंगेजमेंट हो चुका है, लेकिन पेट्रोलिंग अभी शुरू नहीं हुई.

Modi-Xi Meeting Tianjin SCO Summit

तियानजिन में मोदी-शी बैठक: मतभेदों को विवाद न बनने का समझौता

तियानजिन में मोदी और शी जिनपिंग ने एक घंटे की बातचीत की, जिसमें बॉर्डर मुद्दा मुख्य था. दोनों नेताओं ने कजान में हुई सफल डिसएंगेजमेंट और उसके बाद बॉर्डर क्षेत्रों में शांति-स्थिरता पर संतुष्टि जताई. मोदी ने कहा कि बॉर्डर पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी है.

विदेश मंत्रालय (MEA) के बयान में स्पष्ट किया गया कि मौजूदा तंत्र से बॉर्डर पर शांति बनाए रखने पर सहमति बनी. कजान में हुई बातचीत के बाद LAC पर स्थिति सुधरी. तियानजिन में मोदी-शी की बैठक से बॉर्डरी मुद्दों का व्यापक समाधान तेजी से होने की उम्मीद है.

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बॉर्डर विवाद सुलझाने के सिस्टम

भारत-चीन के बीच बॉर्डर विवाद दशकों पुराना है. इसके सुलझाने के कई तंत्र हैं...

  • WMCC (वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन): बॉर्डर विवाद के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा.
  • स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव डायलॉग: भारतीय पक्ष से NSA अजीत डोभाल और चीनी पक्ष से विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत.
  • कोर कमांडर और लोकल कमांडर स्तर की बातचीत: सैन्य स्तर पर. 2020 के बाद पूर्वी लद्दाख में लोकल कमांडर्स की बातचीत को कोर कमांडर स्तर पर बढ़ाया गया. MEA के प्रतिनिधि भी सैन्य बातचीत में शामिल होते हैं.

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भारत-चीन के बीच LAC पर तनाव कम करने के लिए 22 दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. अक्टूबर 2024 की 22वीं दौर की बातचीत सबसे लंबी थी, जिसमें डेपसांग मैदानों और डेमचोक से डिसएंगेजमेंट पर सहमति बनी. इन कोर कमांडर बातचीत के बाद द्विपक्षीय कूटनीतिक बैठकें और लोकल कमांडर्स की बातचीत जारी रही.

तियानजिन शिखर से कोर कमांडर स्तर की बातचीत पर फिर फोकस आ सकता है, ताकि ग्राउंड पर लंबित मुद्दे सुलझें. दोनों देश LAC पर सैन्य मौजूदगी बनाए रखे हुए हैं. इसलिए गलवान पूर्व की स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक समाधान जरूरी है.

अब तक हुई कोर कमांडर स्तर की बातचीत का टाइमलाइन

  1. पहला दौर: 6 जून 2020  
  2. दूसरा दौर: 22 जून 2020  
  3. तीसरा दौर: 30 जून 2020  
  4. चौथा दौर: जुलाई 2020  
  5. पांचवां दौर: अगस्त 2020  
  6. छठा दौर: सितंबर 2020  
  7. सातवां दौर: अक्टूबर 2020  
  8. आठवां दौर: नवंबर 2020  
  9. नौवां दौर: जनवरी 2021  
  10. दसवां दौर: फरवरी 2021  
  11. ग्यारहवां दौर: अप्रैल 2021  
  12. बारहवां दौर: जुलाई 2021  
  13. तेरहवां दौर: अक्टूबर 2021  
  14. चौदहवां दौर: जनवरी 2022  
  15. पंद्रहवां दौर: मार्च 2022  
  16. सोलहवां दौर: जुलाई 2022  
  17. सत्रहवां दौर: 20 दिसंबर 2022  
  18. अठारहवां दौर: अप्रैल 2023  
  19. उन्नीसवां दौर: अगस्त 2023  
  20. बीसवां दौर: अक्टूबर 2023  
  21. इक्कीसवां दौर: फरवरी 2024  
  22. बाइसवां दौर: अक्टूबर 2024 (स्रोत)

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21वीं दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक

MEA के बयान के अनुसार, भारत-चीन की 21वीं दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक 19 फरवरी 2024 को चुशुल-मोल्डो बॉर्डर मीटिंग पॉइंट पर हुई. चर्चा पिछले दौरों पर आधारित थी, जिसमें पूर्वी लद्दाख में LAC के बाकी क्षेत्रों में पूर्ण डिसएंगेजमेंट पर जोर दिया गया, जो भारत-चीन बॉर्डर क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए जरूरी है.

दोनों पक्षों ने मित्रवत और सौहार्दपूर्ण माहौल में अपनी राय साझा की. दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य और कूटनीतिक तंत्रों के माध्यम से आगे के रास्ते पर संचार बनाए रखने पर सहमत हुए. उन्होंने अंतरिम रूप से बॉर्डर क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने का वादा किया.

तियानजिन समझौता LAC पर नई उम्मीद

तियानजिन में मोदी-शी की बैठक से LAC पर तनाव कम करने की प्रक्रिया तेज हो सकती है. कजान से डिसएंगेजमेंट के बाद पेट्रोलिंग बहाल हुई, लेकिन डी-एस्केलेशन और डी-इंडक्शन बाकी है. कोर कमांडर बातचीत फिर शुरू होने से ग्राउंड पर समाधान संभव. भारत ने स्पष्ट किया कि बॉर्डर शांति द्विपक्षीय संबंधों के लिए 'बीमा पॉलिसी' जैसी है. यह कूटनीतिक जीत भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूत करती है.

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