संसद के मानसून सत्र के छठे दिन दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. सरकार की ओर से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री सहित तमाम नेताओं ने अपना पक्ष रखा, वहीं विपक्ष ने सरकार की नीति और नियत पर सवाल खड़े किए.
चर्चा का केंद्र तीन मुद्दों पर रहा. पहला - क्या पहलगाम हमला खुफिया तंत्र की विफलता थी? दूसरा - युद्धविराम क्यों हुआ? और तीसरा क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लड़ाकू विमानों का नुकसान हुआ?
प्रियंका गांधी का तीखा प्रहार
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलगाम आतंकी हमले पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने इसे खुफिया तंत्र की विफलता बताया और गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा. उन्होंने कहा, “मैं पूछती हूं, नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? प्रधानमंत्री की नहीं? गृहमंत्री की नहीं? रक्षा मंत्री या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नहीं?”
प्रियंका गांधी ने सरकार पर यह आरोप लगाया कि उसने बैसरन घाटी में नागरिकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया. प्रियंका गांधी के आरोपों से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले पर जवाब दिया और कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता दिखाई थी.
प्रियंका गांधी ने दिया इंदिरा गांधी का उदाहरण
प्रियंका गांधी ने कहा, “पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध होते-होते रुक गया और इसका ऐलान ट्रंप करते हैं. लेकिन सरकार जवाब नहीं देती कि युद्ध क्यों रुका.”
उन्होंने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन की बात नहीं मानी और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे.
उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी जनरल, जिसके हाथ खून से रंगे थे, वो ट्रंप के साथ लंच खा रहा था. क्या प्रधानमंत्री ज़िम्मेदारी लेंगे? अगर इस ऑपरेशन के दौरान हमारे जहाज़ों का नुकसान हुआ, तो इसमें छुपाने में क्या है? कल राजनाथ सिंह ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान नहीं पहुंचा, तो फिर क्यों नहीं कह देते कि जहाजों को नुकसान नहीं पहुंचा.
अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने हमला खुफिया तंत्र की विफलता बताया. उन्होंने पूछा, "अगर पुलवामा से कुछ नहीं सीखा तो सरकार जिम्मेदारी कब लेगी?"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में पहले बम बिछे होते थे. 2014 के पहले देशवासियों को खुद को बचाने की सलाह दी जाती थी.
उन्होंने विपक्ष पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाने का आरोप भी लगाया. प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है. विपक्ष वही मांग कर रहा है जो पाकिस्तान करता है.”
सीजफायर पर संसद में सवालों की बौछार
जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही थी, विपक्ष ने बार-बार सवाल किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम का ऐलान प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं किया? यह ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों किया?
राहुल गांधी ने चुनौती देते हुए कहा, “अगर दम है तो पीएम कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं. इंदिरा गांधी का पचास प्रतिशत भी दम है तो कह दें.”
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दिया कि उन्होंने पहले ही अमेरिका के उपराष्ट्रपति को चेतावनी दे दी थी कि पाकिस्तान को उसकी मंशा भारी पड़ेगी.
शाह और अखिलेश की बयानबाजी
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान के पास समर्पण के अलावा कोई रास्ता नहीं था. इसीलिए पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर युद्धविराम की बात की.
वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी और ट्रंप की गहरी दोस्ती है, इसी वजह से युद्धविराम का ऐलान ट्रंप से करवाया गया.
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विमानों के नुकसान पर नया विवाद
राहुल गांधी ने सरकार से पूछा कि कितने लड़ाकू विमान ऑपरेशन सिंदूर में गिरे? उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात मानी होती तो 5 विमान नहीं गिरते.
प्रियंका गांधी ने भी कहा कि पाकिस्तानी जनरल ट्रंप के साथ बैठकर लंच कर रहे थे और भारत के विमानों को नुकसान हुआ.
उन्होंने पूछा, “अगर हमारे विमानों को नुकसान हुआ तो सरकार बताने में हिचक क्यों रही है?”
प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दिया कि पूरी दुनिया भारत के साथ थी, सिर्फ कांग्रेस साथ नहीं थी. उन्होंने कहा, “जब सेना के पराक्रम का समय था, तब कांग्रेस ने सेना का मनोबल गिराया. उनकी बयानबाजी देश की सुरक्षा के लिए नुकसानदेह थी.”
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