लाल किला परिसर में चल रहे जैन धर्म महापर्व से सोने के कलश के चोरी के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. इस मामले में मुख्य भूषण वर्मा को उसके दो साथियों संग गिरफ्तार किया गया है. सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया.
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लाल किला में जैन धर्म के आयोजन से 1.5 करोड़ के 3 कलश चोरी हुए थे. (Photo: ITG)
दिल्ली में जैन समाज के दस दिवसीय धार्मिक आयोजन से 1.5 करोड़ के कलश की चोरी का राज आखिरकार बेनकाब हो गया है. पुलिस ने मुख्य आरोपी भूषण वर्मा, उसके दो साथियों अंकित और गौरव को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से एक साबुत सोने का कलश और करीब 150 ग्राम पिघला हुआ सोना बरामद हुआ है. बरामदगी की कुल कीमत 1.5 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है.
जानकारी के मुताबिक, ये वारदात 3 सितंबर को 15 अगस्त लाल किले के पास पार्क में आयोजित दसलक्षण महापर्व के दौरान हुई थी. आयोजन 28 अगस्त से चल रहा था. 9 सितंबर को इसका समापन होना था. चोरी उस समय की गई जब श्रद्धालुओं का ध्यान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के स्वागत कार्यक्रम की ओर था. उसी अफरातफरी में तीन कलश मंच से गायब हो गए.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मास्टरमाइंड भूषण वर्मा ने घटना से दो दिन पहले आयोजन स्थल की रेकी की थी. उसने धोती-कुर्ता पहनकर खुद को श्रद्धालु की तरह पेश किया. इसके बाद आयोजकों के बीच बैठकर मंच तक पहुंचने का रास्ता साफ किया. वहीं उसके साथी बाहर खड़े रहकर हालात पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए थे. लोगों का ध्यान हटते ही तीनों ने हाथ साफ कर दिया.
इस मामले में सिविल लाइंस निवासी व्यवसायी सुधीर जैन ने शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि वे रोजाना अनुष्ठान के लिए कलश लेकर आते थे. सोने के कलश की चोरी के लिए रची गई सटीक साजिश की वजह से पुलिस की जांच शुरुआत में उलझ गई. लेकिन आयोजन स्थल के सीसीटीवी फुटेज और एक भुगतान प्रणाली खाते से जुड़े सक्रिय मोबाइल नंबर ने पुलिस को सुराग दिया.
तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस टीम ने हापुड़ में दबिश दी और भूषण वर्मा को दबोच लिया. उसकी निशानदेही पर उसके साथी अंकित और गौरव भी गिरफ्तार कर लिए गए. शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपियों ने इससे पहले 7 अगस्त को भी लगभग 40 ग्राम वजन का एक सोने का कलश चुराया था. तीनों आरोपियों ने सोने के कलश को पिघलाकर बेचने की योजना बनाई थी.
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