उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है. अर्पित सिंह नामक व्यक्ति ने एक ही नाम से छह जिलों में नौकरी हासिल की और नौ साल तक एक्स-रे टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत रहा. मामला अखिलेश सरकार के समय की भर्ती से जुड़ा है. अब योगी सरकार के आदेश पर FIR दर्ज हुई है और CBI जांच भी तेज हो गई है.
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योगी सरकार पर सवाल उठाते-उठाते अखिलेश खुद इसमें फंसते नजर आ रहे हैं. (File Photo: ITG)
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी घोटाले का एक मामला सामने आया है. अर्पित सिंह नामक शख्स ने अलग-अलग पहचान और एक ही नाम से छह जिलों में सरकारी नौकरी हासिल कर ली थी. यह मामला सामने आने के बाद योगी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले को उठाया था और योगी सरकार को घेरा था, लेकिन इस केस में अब वही फंसते नजर आ रहे हैं.
अखिलेश सरकार में हुई थी भर्ती
तथ्यों के अनुसार, यह घोटाला अखिलेश यादव सरकार के समय हुआ था. 2016 से अर्पित सिंह अलग-अलग जिलों में नियुक्त होकर काम कर रहा था. पिछले 9 सालों से वह एक्स-रे टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था और हर महीने लाखों रुपये वेतन और सरकारी सुविधाएं ले रहा था.
सीएम योगी के निर्देश पर FIR
मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ पुलिस ने FIR दर्ज की है. पुलिस का कहना है कि मानव संपदा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्ट्रेशन के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया.
CBI कर रही थी जांच
गौरतलब है कि इस मामले की जांच पहले से ही CBI कर रही थी. अब लखनऊ पुलिस में FIR दर्ज होने के बाद मामले की जांच और तेज हो गई है. सरकार का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
क्या है बड़ा सवाल?
यह मामला सरकारी भर्ती तंत्र और सत्यापन प्रक्रिया की गंभीर खामियों को उजागर करता है. सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने लंबे समय तक अर्पित सिंह छह अलग-अलग जिलों में कैसे नौकरी करता रहा और किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी.
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