भारत के 17वें उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर को संसद भवन में वोटिंग होगी. मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है. यह चुनाव 16वें उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने के बाद हो रहा है.
मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कमरा नंबर एफ-101, वसुधा में होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे वोट डालेंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से पहले सभी एनडीए सांसद कल सुबह 9:30 बजे ब्रेकफास्ट मीटिंग में हिस्सा लेंगे. केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री अपने-अपने राज्यों के सांसदों की मेजबानी करेंगे. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ अपने आवास पर ब्रेकफास्ट मीटिंग करेंगे.
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केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान के सांसदों की मेजबानी करेंगे. इसी तरह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय बिहार के एनडीए सांसदों की मेजबानी करेंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव की मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी, और परिणाम मंगलवार देर रात या बुधवार सुबह तक घोषित होने की उम्मीद है.
उप-राष्ट्रपति चुनाव का नंबर गेम
उप-राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा (543 सदस्य) और राज्यसभा (233 निर्वाचित, 12 मनोनीत सदस्य) के सभी सांसद मतदान करते हैं. वर्तमान में 5 राज्यसभा और 1 लोकसभा सीट खाली होने से 781 सांसद मतदान के लिए अधिकृत हैं. भारत राष्ट्र समिति (BRS, 4 राज्यसभा सांसद) और बीजू जनता दल (BJD, 7 राज्यसभा सांसद) और शिरोमणि अकाली दल (SAD, 1 लोकसभा और 2 राज्यसभा सांसद) ने अपने सांसदों को मतदान से दूर रहने को कहा है, जिससे मतदाता संख्या 767 हो सकती है.
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उप-राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की प्रक्रिया
राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं. मतदान एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (सिंगल ट्रांसफरेबल वोट) के तहत गुप्त होगा. सफेद मतपत्रों पर सांसद विशिष्ट स्याही वाले पेन से उम्मीदवारों के नाम के आगे प्राथमिकता (1, 2, 3...) अंकित करेंगे. डाक मतपत्र केवल प्रिवेंटिव डिटेंशन में बंद सांसदों (जैसे शेख अब्दुल राशिद और अमृतपाल सिंह) के लिए अनुमत है, बशर्ते जेल प्रभारी का प्रमाणपत्र हो.
मतों की गिनती और नतीजे
वैध मतों की पहली प्राथमिकता गिनी जाएगी. 50% से अधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी होगा. यदि दोनों में से किसी भी उम्मीदवार को बहुमत न मिले, तो सबसे कम वोट वाले उम्मीदवार को हटाकर वोट अगली प्राथमिकता के आधार पर ट्रांसफर होंगे. यह प्रक्रिया तब तक चलेगी, जब तक बहुमत का फैसला ना हो जाए. अवैध मतपत्र (उम्मीदवार के नाम के आगे अंकित प्राथमिकता अस्पष्ट होना, गलत चिह्न वाले मतपत्र, बिना दस्तखत वाले मतपत्र) खारिज होंगे. यदि उम्मीदवार को वैध वोटों का छठा हिस्सा (लगभग 128 वोट) भी नहीं मिले, तो 15,000 रुपये की जमानत जब्त होगी.
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क्रॉस वोटिंग की भी संभावना
राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी चिह्न नहीं होते, इसलिए व्हिप लागू नहीं होता. दल-बदल कानून भी प्रभावी नहीं है, जिससे सांसद स्वतंत्र रूप से वोट दे सकते हैं. इस कारण क्रॉस वोटिंग की संभावना रहती है. यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नया उप-राष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी बनेगा. इसलिए भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने उप-राष्ट्रपति चुनाव चुनाव को लेकर अपनी कमर कस ली है.
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