उत्तर प्रदेश एटीएस की एफआईआर में बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण का रैकेट चलाने और टेरर कैंप बनाने की साजिश रचने का आरोप है. बलरामपुर के रहने वाले छांगुर बाबा ने विदेश से मिले फंड से आलीशान बंगले बनाए, फॉर्च्यूनर-क्रेटा जैसी गाड़ियां खरीदीं और एक बड़ी बिल्डिंग बनाई. इस बिल्डिंग का इस्तेमाल आतंकी कैंप के तौर पर करने की तैयारी थी.
एटीएस की एफआईआर के मुताबिक, छांगुर बाबा ने इस बिल्डिंग को आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया था, जहां देश-विदेश से कट्टरपंथी युवाओं को इकट्ठा कर ट्रेनिंग देने की योजना थी. धर्मांतरण के आरोप में पहले ही गिरफ्तार हो चुका छांगुर बाबा सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं था, वह फॉरेन फंडिंग के जरिए देश विरोधी नेटवर्क खड़ा कर रहा था.
एफआईआर में यह भी सामने आया है कि वह बड़े पैमाने पर हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका जबरन धर्मांतरण करा रहा था. इस काम के लिए उसकी टीम में कई सदस्य शामिल थे, जिन्हें हर धर्मांतरण पर कमीशन दिया जाता था. बाबा की टीम उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी काम कर रही थी.
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छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली समेत कई राज्यों में उसने युवाओं को जोड़ रखा था. उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए ‘फिरकत-ए-रहमानिया’ नाम से संगठन भी बनाया था. छांगुर बाबा के साथ उसका बेटा महबूब और नवीन रोहरा व नीतू उर्फ नसरीन भी इस नेटवर्क का हिस्सा थे, जिन्हें एटीएस पहले ही अरेस्ट कर चुकी है.
एटीएस की एफआईआर के अनुसार छांगुर बाबा की टीम अब तक हजारों लोगों का धर्मांतरण करवा चुकी है. वह विदेश से मिले पैसों से ना सिर्फ नेटवर्क चलाता था, बल्कि इन पैसों का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में भी कर रहा था. उसने बड़ी बिल्डिंग को आतंकी गतिविधियों के अड्डे के तौर पर तैयार किया था, जिसे विदेशी फंडिंग से तैयार कराया था.
फिलहाल एटीएस की टीम छांगुर बाबा के पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है. इस रैकेट से जुड़े अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. एटीएस को शक है कि यह नेटवर्क किसी आतंकी संगठन से भी जुड़ा हो सकता है.
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