भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) समय-समय पर भारतीयों के स्वास्थ्य के ऊपर रिसर्च करता है और लोगों को अवेयर करता रहता है. कुछ दिन पहले आईसीएमआर ने अपनी एक स्टडी में बताया था कि 71 प्रतिशत से अधिक भारतीय मेटाबॉलिकली रूप से अनहेल्दी हैं. साथ ही बताया था कि लाखों भारतीय बाहर से दुबले-पतले दिखाई देते हैं लेकिन उनमें हाई ब्लड शुगर, खराब कोलेस्ट्रॉल और चर्बी मौजूद हैं. अब फिर एक स्टडी सामने आई है जिसमें बताया गया है कि क्यों शादी के बाद कपल्स का वजन बढ़ जाता है.
करंट डेवलपमेंट्स इन न्यूट्रिशन में पब्लिश हुई आईसीएमआर की स्टडी के मुताबिक, फूड शेयरिंग से लेकर फूड हैबिट्स को अडॉप्ट करने की आदतों तक, विवाहित जोड़े अनजाने में एक-दूसरे का वजन बढ़ा रहे हैं. इसके कारण 4 कपल्स में से 1 कपल मोटापे का शिकार है. 30 वर्ष से कम उम्र के कपल्स में मोटापे की चिंताजनक दर देखी गई जो केरल, मणिपुर, दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लोगों में अधिक थी.
कपल्स में मोटापे की सबसे अधिक दर केरल (51.3 प्रतिशत), जम्मू-कश्मीर (48.5 प्रतिशत), मणिपुर (47.9 प्रतिशत), दिल्ली (47.1 प्रतिशत), गोवा (45 प्रतिशत), तमिलनाडु (42.7 प्रतिशत) और पंजाब (42.5 प्रतिशत) रही. रिसर्च ने बताया कि कैसे साथ रहने की आदतें मोटापे को बढ़ा रही हैं.
कपल्स के वेट गेन का कारण
यह रिसर्च आईसीएमआर, राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान, टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज और अन्य संस्थानों के रिसर्चर्स द्वारा की गई थी. रिसर्चर्स ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5 2019-21) से मिले भारत के 52,737 शादीशुदा कपल्स के आंकड़ों का एनालेसिस किया था जिस कारण इसे देश की सबसे बड़ी रिसर्च मानी गई. रिसर्चर्स ने पाया कि 27.4 प्रतिशत कपल्स का वजन अधिक था. शहरी, अमीर और मीडिया के संपर्क में रहने वाली फैमिलीज में यह दर काफी अधिक थी.
कपल्स में शादी के बाद रेडी टू ईट मील का सेवन, फास्ट फूड, अधिक खाना, लैपटॉप पर देर रात तक प्रेजेंटेशन और वीकेंड पर आराम से समय बिताना उनके वेट गेन का कारण होता है. साथ ही लोग शहरों में परिवार से अलग भी रह रहे हैं और बेटाइम जॉब भी कर रहे हैं जिसके कारण उनके खान-पान का समय भी सही नहीं रहता.
स्टडी में यह सामने आई कि शहरी दंपतियों में मोटापे की समानता 38.4% रही जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 22.1% दर्ज किया गया. वहीं संपन्न परिवारों में यह अनुपात 47.6% तक पहुंच गया, जो स्पष्ट संकेत देता है कि आर्थिक समृद्धि के साथ मोटापे का स्तर भी बढ़ रहा है.
रिसर्च में 23 बॉडी मास इंडेक्स वाले कपल्स को अधिक वजन या मोटापे की श्रेणी में रखा गया. निष्कर्षों से पता चला कि सबसे अमीर वर्ग के लगभग आधे (47.6 प्रतिशत) कपल्स में अधिक वजन/मोटापे की समस्या समान थी जबकि सबसे गरीब वर्ग के केवल 10.2 प्रतिशत कपल्स में मोटापे की समस्या थी.
क्या कहती हैं एक्सपर्ट
आईसीएमआर-राष्ट्रीय कैंसर निवारण संस्थान की सीनियर राइटर डॉ. शालिनी सिंह के अनुसार, 'हमारी रिसर्च दिखाती है कि शादी और साथ रहने का वातारवण मोटापे के प्रसार और संभावित रूप से इसकी रोकथाम, दोनों के लिए शक्तिशाली कारक हो सकते हैं. 30 साल से कम उम्र के कपल्स में मोटापे के पैटर्न में उल्लेखनीय समानता को देखते हुए ये निष्कर्ष बेहद चिंताजनक हैं.'
'केरल में यंग कपल्स में यह समानता सबसे अधिक 42.8 प्रतिशत, गोवा में 37 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 31.6 प्रतिशत और तमिलनाडु में 29.6 प्रतिशत है. ये आंकड़े बताते हैं कि मोटापे से संबंधित मेटाबॉलिक डिसऑर्डर जीवन में बहुत पहले ही शुरू हो रहे हैं. इससे यंग कपल्स अपने सबसे अधिक प्रोडक्टिव समय में डायबिटीज, हार्ट डिसीज और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं.'
---- समाप्त ----